Nandini Gupta: किसान की बेटी नंदिनी 19 की उम्र में बनीं Miss India, कभी अंग्रेजी बोलने नहीं आती थी…

Nandini Gupta: मिस इंडिया नंदिनी गुप्ता (Nandini Gupta) आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। कोटा जैसे छोटे शहर की नंदनी गुप्ता (Nandini Gupta) ने मिस इंडिया का खिताब जीतकर परिवार और शहर का नाम रोशन किया है। नंदिनी गुप्ता (Miss India Nandani Gupta) को यह सफलता 1 दिन में नहीं मिली लेकिन इसके पीछे एक बड़ा संघर्ष है।

नंदिनी पढ़ाई में कुछ खास नहीं थी। अंग्रेजी के लिए भी उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। नंदिनी गुप्ता (Nandini Gupta) एक इंटरव्यू में बताती हैं कि वह नौवीं में मैथ्स में फेल हो गई थीं। उन्हें 70 में से केवल 15 अंक मिले। लेकिन शिक्षकों और परिवार ने उनका हौसला बढ़ाया और आज नंदिनी गुप्ता इस मुकाम पर हैं। नंदिनी गुप्ता की कहानी से यह सीखा जा सकता है कि अतीत को कोसने के बजाय आगे मेहनत करने की जरूरत है।

वर्तमान में यदि आप जमकर मेहनत करेंगे तो इसका अच्छा परिणाम आपको जरूर मिलेगा। नंदी गुप्ता (Nandini Gupta) ने कोटा के एक निजी कोचिंग संस्थान में बच्चों से बातचीत करते हुए उन्हें आगे बढ़ते रहने की बात कही। नंदिनी ने कहा कि मैं हाड़ौती से हूं, इसलिए मैं हिंदी और हाड़ौती दोनों अच्छी तरह से बोल सकती हूं, लेकिन अंग्रेजी भाषा में मेरी कमजोरी सबसे बड़ी समस्या थी। मैंने अपनी अंग्रेजी में सुधार किया है। अब एक नए सफर की शुरुआत है। चुनौतियों से डरो मत। संघर्ष माता-पिता और शिक्षकों की सुनें। हमें पता होना चाहिए कि मौके को कैसे भुनाना है। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह बॉलीवुड में कदम रखने के लिए तैयार हैं, तो उन्होंने कहा: अगर मुझे मौका मिला तो मैं करूंगी।

यहां से नंदनी गुप्ता को मिली प्रेरणा : नंदनी गुप्ता अपनी प्रेरणा के बारे में बताती हैं कि मैंने 10 साल की उम्र में फिल्म ‘देवदास’ देखी थी। मैंने अपनी मां से ऐश्वर्या राय के बारे में पूछा। उसने मुझे बताया कि वह मिस वर्ल्ड थी। यह मेरा सपना था। उन्होंने आगे कहा, मेरी मां मेरी प्रेरणा थीं। उन्होंने मेरे भरोसे को जाने नहीं दिया। पापा हमेशा मेरे साथ थे। बुधवार सुबह नंदिनी भांडाहेड़ा गांव पहुंची। ढोल-नगाड़ों की आवाज पर वह ट्रैक्टर पर सवार होकर गांव में दाखिल हुई। इसके बाद स्थानीय लोगों और बच्चों ने उन्हें बधाई दी। महिलाओं के साथ राजस्थानी गानों पर डांस भी किया।