अब 5 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेंगे कर्मचारी, मोदी सरकार बदल सकती है काम के घंटे और रिटायरमेंट के नियम

डेस्क : भारत सरकार 1 अप्रैल 2021 से श्रमिक कानून में बदलाव कर रही है। ऐसे में वह पीएफ के खाते और ग्रेचुटी खातों में भी बड़े बदलाव कर रही है। इसके चलते बताया जा रहा है कि हाथ में आने वाले पैसे में कमी आएगी और टैक्स एवं बैलेंस शीट भी प्रभावित होंगे। पिछले संसद सत्र में तीन मजदूरी संहिता कानून पास कर दिए गए हैं, अब उनको लागू किया जाना है।

यह कानून श्रमिकों के वेतन के बारे में है। आपको बता दें कि यह देश के इतिहास में पहली बार हो रहा है जब देश के श्रमिक कानूनों में बदलाव किया जा रहा है। पिछले 73 सालों में श्रमिक कानूनों में बदलाव नहीं किया गया। अब देखना होगा कि इस तरह से श्रमिक कानून जनता के कैसे हित में होंगे। आपको बता दें कि इन कानून के तहत अगर आप 15 से 30 मिनट के बीच भी फालतू काम करते हैं तो वह 30 मिनट के ओवरटाइम में ही गिना जाएगा। लेकिन, पहले ओवरटाइम नहीं गिना जाता था। ऐसे में कोई भी कर्मचारी 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम नहीं करेगा और हर 5 घंटे के बाद आधा घंटे का विश्राम देना अनिवार्य होगा। यह बातें कानून के ड्राफ्ट के नियमों में लिखी गई है।

इसकी बदौलत वेतन घटाया जाएगा और पीएफ बढ़ाया जाएगा, नए ड्राफ्ट के मुताबिक जो कुल वेतन है वह मूल वेतन है उसका 50% या अधिक होना अनिवार्य है। अक्सर ही वेतन का गैर भत्ते वाला हिस्सा तनख्वाह की 50 फ़ीसदी से कम होता है और कुल वेतन में भत्तों का हिस्सा ज्यादा होता है। अगर मूल वेतन बढ़ता है तो पीएफ भी बढ़ेगा। पीएफ मूल वेतन पर ही आधारित होता है। ऐसे में अगर मूल वेतन बढ़ रहा है तो टेक होम सैलेरी में गिरावट आएगी और टेक होम सैलेरी वही होती है जो आप अपने हाथ में रखते हैं।

अगर आप पीएफ और ग्रेच्युटी में योगदान कर रहे हैं तो आपके लिए खुशखबरी है क्योंकि रिटायरमेंट के समय पर आपको यह धनराशि और भी बढ़ चढ़कर मिलेगी। जिसके बाद आप आनंद में जीवन जी पाएंगे और भुगतान करने वाले अधिकारियों के वेतन संरचना में भी बदलाव आने वाला है। जिसके चलते उनका पीएफ खाता भी प्रभावित होगा। ऐसे में जितने भी मौजूदा कंपनियां है सब की बैलेंस शीट प्रभावित होने वाली है।