Indian Railway : ट्रेन में जब आप चेयर कार के अलावा किसी और कोच में सफर करते हैं आपने गौर किया होगा की खिड़की के पास वाली सीट रोल मॉडल या अपर के अनुसार अलॉट की जाती है। यहां भू लोवर और मिडिल क्लास के लिए नियम होते हैं। क्या कभी आपने सोचा है कि स्लीपर और एसी कोच में विंडो सीट पर किसका हक होता है। आईए जानते हैं इससे जुडी सारी बातें –
कुछ में जो विंडो सीट होती है उनकी टिकट पर कोई जानकारी नहीं होती है। विंडो के बदले पूरी लोअर सीट ही होती है। अब यह कैसे डिसाइड होता है कि लोअर सीट में विंडो की तरफ़ कौन बैठेगा। दरअसल इन कोच में सीट एलोकेशन कुछ अलग तरीके से होता है। जानकारी के लिए बता दें कि इंडियन रेलवे की तरफ से विंडो को लेकर कोई विशेष नियम नहीं है। यह म्यूचुअली डिसाइड होता है कि कौन कहां बैठेगा। तो अब पैसेंजर अपने हिसाब से ही तय करता है कि कौन कहां बैठेगा।
कई रिपोर्ट्स में यह भी कह गया है कि लोअर सीट में विंडो साइट पर लोअर सीट वाला यात्री, मिडिल सीट वाला यात्री बीच में और अपर सीट वाला यात्री कोने में बैठता है। आपको बता दें कि सिर्फ दिन को ही लोअर सीट पर बैठ सकते हैं। रात को जो मिडिल सीट वाला यात्री है और जो अपर सीट वाला यात्री है उसे अपने -अपने सीट पर जाना होता है। विंडो सीट पर कुछ ख़ास जनकारी नहीं होती है।