सावधान! No-cost EMI के नाम पर लूटती है कंपनी, कुछ भी खरीदने से पहले कर लें ये काम..

No-cost EMI: आज के समय में शॉपिंग करना आसान हो गया है। ई-कॉमर्स के जमाने में बिना पैसे के भी शॉपिंग की जा सकती है। कंपनी अपने ग्राहकों को ईएमआई की सुविधा देती है, जिसके जरिए आप खरीदारी के बाद धीरे-धीरे भुगतान करते हैं। साथ ही एक ऑफर भी दिया जाता है। इसे नो कॉस्ट ईएमआई कहा जाता है। इसके तहत आपको ईएमआई पर ब्याज या प्रोसेसिंग चार्ज नहीं देना होता है। लेकिन इसके नुकसान भी बहुत हैं। दरअसल कंपनी अपने ग्राहकों से हिडन चार्जेज वसूलती है। उससे आपको पता भी नहीं चलता और अंत में कंपनी ज्यादा पैसे चार्ज करती है। जानिए इससे बचने के उपाय।

ज्यादातर ई-कॉमर्स कंपनियां अपने ग्राहकों को लुभाने के लिए नो कॉस्ट ईएमआई का विकल्प देती हैं। उन्हें लगता है कि वे अपनी जरूरत का सामान बिना ब्याज या कोई अतिरिक्त पैसे चुकाए खरीद लेंगे। आसानी से कुछ महीनों में खर्चा चुका देंगे। उनकी यह सोच उनकी जेब पर भारी पड़ी है। खासतौर पर उन ग्राहकों के लिए, जो बिना पूरी जांच-पड़ताल के इस ऑफर को हड़प लेते हैं। बिना सोचे-समझे नो-कॉस्ट ईएमआई से शॉपिंग करने पर आपको सामान की कीमत से ज्यादा चुकाना पड़ सकता है।

खरीदारी से पहले अपनाए यह तरीका : अगर आप इस स्कीम पर कोई सामान खरीदने जा रहे हैं तो पहले अच्छी तरह से जांच पड़ताल कर लें। कोई भी सामान नो-कॉस्ट ईएमआई पर लेने से पहले अन्य ई-कॉमर्स साइट्स या ऑफलाइन पर उस सामान की कीमत के बारे में पता कर लें। ई-कॉमर्स कंपनी या स्टोर के नियम और शर्तें, कार्यकाल, प्रोसेसिंग फीस, प्री क्लोजर फीस, प्रीपेमेंट पेनल्टी और लेट पेमेंट चार्जेज के बारे में जरूर जान लें। ये सब देखने के बाद आपको पता चल जाएगा कि क्या सच में इस स्कीम से आपका पैसा बच रहा है या कंपनी आपको सामान बेचने के लिए नो कॉस्ट ईएमआई के नाम पर बेवकूफ बना रही है।