रातों-रात गायब हुए अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घनी, काबुल पर 90% तालिबानियों का कब्ज़ा – भारत की बढ़ी चिंता

डेस्क : अफगानिस्तान के हाल दिन प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं। अफगानिस्तान में अब तालिबानियों का शासन आ गया है। ऐसे में अफगानिस्तान में 90% से भी ज्यादा इलाके तालिबानियों के कब्जे में आ गए हैं। बता दें कि हर तरफ तालिबानियों की गाड़ियां और तालिबानी लड़ाके ही नजर आ रहे हैं। ऐसे में अन्य देशों की एंबेसी और ऑफिस खाली हो चुके हैं।

बता दें कि अमेरिका और भारत के दूतावास कार्यालय भी खाली करवा दिए गए हैं। कई लोग जो इस वक्त अफ़ग़ानिस्तान में है उनको एअरलिफ्ट करवा कर अपने देश वापस लाया जा रहा है। ऐसे में हर देश का यह विचार है कि आने वाले समय में अफ़ग़ानिस्तान रहने के लिए बिल्कुल ठीक नहीं होगा। बता दें कि देश-विदेश में अफगानिस्तान के समर्थन में आए लोग सड़क पर प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं। अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी रातोंरात गायब हो गए हैं। ऐसे में तालिबान के हेड अब्दुल बरादार अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता संभालेंगे। ज्यादा जानकारी के लिए बता दें की अफ़ग़ानिस्तान में हाल ही में जेलों में बंद 700 से भी ज्यादा तालिबानियों को रिहा कर दिया गया है। पूरे विश्व के लिए यह मुसीबत की घड़ी है। लम्बे समय से वहां पर अन्य धर्मों के लोगों के प्रतिष्ठित संस्थान युनिवेर्सिटी और कॉलेज को भी बंद कर दिया गया है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्फ ने कहा है की तत्कालीन राष्ट्रपति जो बाइडेन को अब इस्तीफ़ा दे देना चाहिए। वह अमेरिकी सेना को नहीं संभाल पा रहे हैं। काबुल की अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सिर्फ सैन्य विमानों को उड़ाने की अनुमति मिल रही है।

भारत ने अफ़ग़ानिस्तान में मोटे तौर पर पैसा निवेश किया था। लेकिन अब सब ख़तम हो चुका है। भारत के विदेश मंत्री जय शंकर लगातार तालिबानियों से दोहा में बात कर रहे हैं। कई लोग इस वक्त एयर लिफ्ट के जरिए वापस बुलाए जा रहे हैं। दुसरे देशों के झंडे भी उतार लिए गए हैं। लोगों का मानना है की कभी भी हालात खराब हो सकते हैं। इलाके पर गोलियों की आवाज़ भी सुनने को मिली है। इन खबरों से साफ़ नजर आ रहा है की अमेरिका अब अपनी पकड़ अफ़ग़ानिस्तान से खो चुका है। अफ़ग़ानिस्तान की महिला सांसद फ़रज़ाना कोचाई का कहना है की लोग बस यहाँ से भाग जाना चाहते हैं लेकिन उनको सिर छुपाने की जगह नहीं मिल रही है।