डेस्क : यूपीएससी सिविल सर्विसेज की परीक्षा भारत में अब तक की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। ऐसे में भारत का सबसे अशिक्षित जिला अलीराजपुर से एक मेधावी छात्रा ने इस परीक्षा में 18वी रैंक हासिल करके अपने घरवालों का नाम रोशन किया है। छात्रा का नाम राधिका है। राधिका का कहना है कि पढ़ाई पूरी करने के लिए उन्होंने उन्होंने स्नातक में इंजीनियरिंग को चुना था। इंजीनियरिंग के जरिए उनको एहसास हुआ कि पढ़ना लिखना कितना ज्यादा आवश्यक है।
राधिका बताती है की मेरी जिले में सबसे कम लोग पढ़े लिखे हैं, जिसकी वजह से मुझे प्रतिपल ऐसा एहसास होता रहा कि हर व्यक्ति के लिए पढ़ाई एक अतिआवश्यक साधन है जिससे वह अपने सपने पूरे कर सकता है। पढाई ही एक ऐसा हथियार है जो पूरी तैयारी में मेरा मोटिवेशन का स्रोत था। राधिका बताती हैं कि उन्होंने इस परीक्षा को दो बार दिया है। पहली बारी में उनको मनचाही रैंक हासिल नहीं हुई थी। ऐसे में उनको इंडियन रेलवे की सर्विस मिली थी, लेकिन उन्हें अपने समाज के लिए कुछ बेहतर करना था, जिसके लिए उन्होंने दोबारा से प्रयास किया और 18वीं रैंक लाकर अपनी मनचाही सर्विस हासिल की।
वह बताती है की इस परीक्षा की तैयारी को लेकर मेरे मन में बहुत सारे सवाल थे, लेकिन जैसे तैसे मैंने तैयारी शुरू की क्योंकि मुझे अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ना था। लोग कहते हैं कि इस परीक्षा में आपको 10 से 12 घंटे पढ़ना चाहिए, लेकिन मेरा मानना है कि यदि आप दिन में 8 से 10 घंटे भी पढ़ते हैं तो आप सफलता के करीब आ जाते हैं। पहले साल में मैंने सिलेबस को पूरा करना जरूरी समझा। हर टॉपिक को समझना और नोट्स बनाने से लेकर हर छोटी से छोटी चीज को समय रहते पूरा मैंने पूरा किया। तैयारी के दौरान एक सवाल मुझे हमेशा सताता था।
मैं सोचती थी यदि मेरा सिलेक्शन नहीं हुआ तो ? जिसके कारण में अपने आप को कभी कभी दुखी पाती थी। लेकिन उस वक्त मैं अपनी हॉबीज पर ध्यान देती थी यदि कोई भी अभ्यर्थी तैयारी कर रहा है, तो उसको जिस विषय में रुचि है वह उस विषय का काम करे जैसे कि आप स्पोर्ट्स में रुचि रखते हैं तो अपना पसंदीदा खेल चुने। यदि डांस में रुचि रखते हैं तो डांस करें, जो दोस्तों के साथ घूमने जाना चाहते हैं वह जरूर जाएं। राधिका ने बताया की लोगों को ऐसा लगता है कि यदि उनको इस परीक्षा की तैयारी करनी है तो दिल्ली जाना पड़ेगा। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है ,आप अपनी तैयारी घर बैठे भी कर सकते हैं। मैंने अपनी पूरी तैयारी इंदौर से ही की है। इस तैयारी में ध्यान रखने वाली बात यह है कि आप अपने लक्ष्य के प्रति वफादार और ईमानदारी दिखाएं।