बिजली के खंभों पर बंधने वाले तार थोड़ा ढीले क्यों बांधे जाते है ? टाइट रखने से होता है बड़ा नुकसान

डेस्क : आपने अक्सर गौर किया होगा कि बिजली के खंभों पर बंधे हुए तार ढीले नजर आते हैं, लेकिन वास्तव में या ढीला नहीं होता है। यह बस दिखने में ऐसा लगता है। यह बहुत टाइट होता है। अगर इन तारों को और अधिक टाइप किया जाए तो यह टूट सकता है। इसलिए इन तारों को और ज्यादा टाइप नहीं बांधा जाता।

इसके पीछे कोई बड़ा कारण नहीं है। दरअसल जब दो खंभों के बीच एक तार को बांधा जाता है तलवार का वजन इतना हो जाता है कि अपने आप ही वह झुक जाते हैं। आप चाहे इसे कितना भी टाइट करके बांध ले। बिजली का तार एल्यूमीनियम या कॉपर जैसे धातु के बने होते हैं। जिनका वजन अच्छा – खासा होता है।

जब भी दो खंभों के बीच तार झूलती हुई नजर आती है तो इसे कैटेनरी प्रभाव कहा जाता है। इस प्रभाव के चलते 100 मीटर की दूरी के लिए 110 मीटर से 130 मीटर तक लंबे तार को दो खंभों के बीच बांधा जाता है।कितनी भी हल्की चीज को यदि अच्छी खासी लंबाई में बांधा जाए तो यह थोड़ी देर में ढीला लगने ही लगता है। जिसे दूर से देखकर ऐसा लगता है कि इन्हें ढीला बांधा गया है। लेकिन वास्तव में वह तार अपना वजन और लंबाई झेल रही होती है।