आखिर अस्पतालों में क्यों रखे होते हैं कई रंग के कूड़ेदान? जानिए- इनका मतलब?

घर की साफ-सफाई हमारे रोज की रूटीन का हिस्सा होती है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत भारत सरकार भी स्वच्छता अभियान को लेकर तेजी से काम भी कर रही है. लोगों के घर से निकले वाले कूड़े-कचरे को कूड़ेदान में डालने की सलाह भी दी जाती है. कुछ जगहों पर स्वच्छता के नियम इतने कड़े हैं कि सड़क या कहीं दूसरी जगह पर कूड़ा-कचरा फैलाने पर चालान भी कर दिया जाता है.

सुबह जब सफाईवाला घर से कूड़ा लेने को आता है तब उसके पास आमतौर पर नीले और हरे रंग के 2 कूड़ेदान भी होते हैं. गीले और सूखे कचरे के बारे में भी आप रोज ही सुनते होंगे कि गीले कचरे को हरे रंग के कूड़ेदान में डाल देना चाहिए और सूखे हुए कचरे को नीले रंग के कूड़ेदान में डालना चाहिए लेकिन जब आप अस्पतालों में जाएंगे तो वहां आपको करीब 5 रंग के कूड़ेदान भी देखने को मिलेंगे. यहां हम कूड़ेदानों के रंग के कोड के बारे जाएंगे आखिर कौन से रंग का कूड़ेदान में किस तरह के कचरे के लिए उपयोग किया जाता है.

  1. रेड डस्टबिन

लाल रंग के कूड़ेदान का उपयोग ब्लड बैग, यूरिन बैग, ट्यूबिन, ग्लब्स, IV सेट, सिरिंज और दूसरी इंफेक्टेड चीजों को फेंकने लिए किया जाता है. आपको बता दें कि पैथोलॉजी और ओपरेशन थिएटर में उपयोग होने वाली चीजों को लाल रंग के कूड़ेदान में डाला जाता है.

  1. येलो डस्टबिन

पीले रंग के कूड़ेदान का उपयोग ह्यूमन टिशूज, ह्यूमन प्लेसेंटा (बच्चे की नाल), पट्टियां और खून से भीगी हुई रूई को फेंकने के लिए ही किया जाता है.

  1. ब्लैक डस्टबिन

बायोमेडिकल कचरे को फेंकने के लिए काले रंग के डस्टबिन का उपयोग किया जाता है. इसमें बैटरी, बेबी डायपर, सेनेटरी पैड्स और एक्सपायर हो चुकी दवाइयों को भी फेंका जाता है. इसके अलावा इसमें ब्यूटी प्रोडक्ट और केमिकल युक्त प्रोडक्ट फेंके जाते हैं.

  1. ब्लू डस्टबिन

नीले रंग के डस्टबिन का उपयोग सूखे कचरे को फेंकने के लिए किया जाता है. इसमें प्लास्टिक का सामान, पिज्जा का बॉक्स, मेटल, जार, और प्लास्टिक के दूसरे सामान भी डाले जाते हैं. इसके अलावा प्लास्टिक का बोतल, चिप्स के पैकेट और दूध की खाली पैकेट नीले रंग के डस्टबिन में डालें जाते हैं.

  1. ग्रीन डस्टबिन

हरे रंग के डस्टबिन का उपयोग गीले कचरे के लिए को फेंकने के लिए किया जाता है. इसमें सब्जियों के छिलके, चाय पत्ती, बचा हुआ जूठा खाना और दूसरे सड़े-गले फल और सामान भी फेंके जाते हैं. इसके अलावा सुखे हुए फूल भी ग्रीन डस्टबिन में डाले जाते हैं.