आखिर Train की पटरी पर जंग क्यों नहीं लगती? किस लोहे का बना होता है ये रेलवे ट्रैक, जानें-

Railway Track Facts : लोहे का उपयोग घर बनाने से लेकर रेल की पटरियाँ बनाने तक किया जाता है। लेकिन अक्सर देखा जाता है कि घर में इस्तेमाल होने वाले स्टील में जंग लग जाती है। रेल ट्रैक पूरे साल चमकता रहता है। सोचने वाली बात है कि रेल की पटरियों (Railway Track) में ऐसा क्या होता है कि उनमें जंग नहीं लगती। दरअसल, पटरियां बनाने में ऐसी धातु का इस्तेमाल किया जाता था, जिस पर जंग नहीं लगती। यह एक विशेष प्रकार की धातु है जिसका उपयोग रेलवे ट्रैक बनाने में किया जाता है। आइए जानते हैं ये।

हर दिन 2 करोड़ से ज्यादा लोग ट्रेन से यात्रा करते हैं। ऐसे में रेल ट्रैक का बेहतर स्थिति में होना जरूरी है। इसके लिए ट्रैक बनाने में साधारण स्टील का नहीं बल्कि एक खास तरह के स्टील का इस्तेमाल किया जाता है। इस स्टील को मैंगनीज स्टील कहा जाता है।

यही कारण है कि रेल की पटरियाँ कभी भूरी नहीं दिखेंगी। यह सदैव चमकता रहता है। दरअसल पूरी ट्रेन पटरी पर टिकी होती है। ऐसे में अगर पटरियों पर जंग लग जाए तो एक साथ हजारों लोगों की मौत हो सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए रेलवे ट्रैक के निर्माण पर ज्यादा ध्यान देता है।

आपको बता दें कि ट्रेन की पटरियां स्टील और मैंगनीज को मिलाकर तैयार की जाती हैं। इसमें 12% मैंगनीज और 0.8% कार्बन होता है। स्टील और मैंगलोय के इस मिश्रण को मैंगनीज स्टील कहा जाता है। इससे पटरियों पर ऑक्सीकरण का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.

इसलिए उन पर कई वर्षों तक जंग नहीं लगती है। यह काफी महंगा है। इसलिए आमतौर पर लोग अपने काम में इस्तेमाल होने वाले स्टील या लोहे में इस तरह की धातु का इस्तेमाल नहीं करते हैं। ट्रैक से लाखों लोगों का जीवन जुड़ा हुआ है। ऐसे में इसका निर्माण विशेष सावधानी के साथ किया जाता है।