ताले की तली में सुई की नोंक बराबर छेद क्यों होता है ?

डेस्क : अक्सर आपने ताले को देखा होगा, ताला खोलने के लिए आपने जब उसमें चाभी लगाई होगी तो आपको नजर आया होगा कि ताले में एक से ज्यादा छेद होते हैं। ऐसे में ताले की तली में आपने छोटा छेद भी देखा होगा। छोटे छेद को देखकर आपने सोचा होगा कि आखिर यह छेद किस लिए होता है ? तो आपको आज हम बताने वाले हैं कि आखिर ताले की तली में यह छेद किस लिए होता है।

ताले की तली के छेद में जानने से पहले उसका इतिहास आपको जान लेना बेहद ही आवश्यक है। क्योंकि इसका इतिहास जानने से ही इसका भेद खुल जाएगा। आपको बता दें कि ताला का इतिहास 4000 साल पुराना है, सबसे पहले ताले को मोसरबाद में ढूंढा गया था, इसके बाद समय के साथ-साथ ताले का समय-समय पर आधुनिकरण देखा गया है, बता दें की 1805 में भी ताले का एक अलग प्रकार का मॉडल देखा था। उसको डबल एक्टिंग लॉक कहा जाता है। उस ताले को अमेरिका में बनाया गया था।

ताले को अनेकों लोग इस्तेमाल करते हैं, ऐसे में जब भी घर पर कोई नहीं रहता तो ताले के भरोसे ही लोग अपने घर को छोड़कर जाते हैं। ताले के अंदर जो मेकनिज़्म होता है, वह बहुत जल्दी खराब हो जाता है। ऐसे में उसको नियमित तौर पर तेल डालते रहना चाहिए, कभी कबार बारिश में जब ताला लंबे समय तक लगा रहता है तो उसपर पानी और हवा के कारण जंग लग जाता है जिसके कारण ताला चलना बंद हो जाता है। ऐसे में पानी निकलने के लिए भी ताले में छेद दिया जाता है। साथ ही साथ कभी आपको उसमें तेल डालना हो तो आप इस छेद के जरिए ताले में तेल डाल सकते हैं।