आसमान में आखिर क्यों टिमटिमाते हैं तारे? जान लीजिए क्या कहता है विज्ञान!

डेस्क : आसमान में तारों का टिमटिमाना हमें देखना काफी पसंद आता है। हम बचपन से ही आसमान में रात को देख कर चांद और तारों की बात किया करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि यह तारे क्यों टिमटिमाते (Twinkling of Stars) हैं? इसके पीछे की वजह क्या है।

दरअसल. यह एक वैज्ञानिक कारण है, जिस वजह से तारे टिमटिमाते हुए नजर आते हैं। आज हम इस लेख में इन सभी (Shining Stars Fact) बातों को जानेंगे। आइए इसे विस्तार से जानते हैं।

वायुमंडल को जान लेते हैं

आपको बता दें कि तारों के टिमटिमाने के पीछे का असली कारण हमारा वायुमंडल है जो ऑक्सीजन, नाइट्रोजन और अन्य गैसों का मिश्रण है। आपको बता दें कि हमारा वातावरण हमें अंतरिक्ष में चीजों को स्पष्ट रूप से देखने से रोकने का भी काम करता है। रात के समय वातावरण के कारण कई खगोलीय पिंड कभी-कभी हमें धुंधले दिखाई देते हैं। इस कमी को खगोलीय टिमटिमाना कहा जाता है और आम बोलचाल की भाषा में इसे तारों का टिमटिमाना कहा जाता है।

ऐसे ही टिमटिमाते हैं तारे

आपको बता दें कि वायुमंडल की इन सभी परतों का तापमान और हवा का घनत्व अलग-अलग होता है। जब तारों का प्रकाश वायुमंडल में प्रवेश करता है तो उसे गर्म और ठंडी हवा की परतों से होकर गुजरना पड़ता है, तब ये परतें उस प्रकाश के लिए एक बड़े मोटे लेंस की तरह काम करती हैं, जिसके कारण प्रकाश के परावर्तन की प्रक्रिया होती है और प्रकाश की दिशा विचलित हो जाती है।

ये परतें स्थिर लेंस नहीं हैं, बल्कि ये एक गतिशील लेंस की तरह काम करती हैं, जिसके कारण तारों से आने वाली रोशनी लगातार बाधित होती है और तारे हमें टिमटिमाते हुए प्रतीत होते हैं। यह बात अन्य ग्रहों और यहाँ तक कि चंद्रमा पर भी लागू होती है। लेकिन इनकी जगमगाहट बहुत ही कम मात्रा में दिखाई देती है।