पति की प्रॉपर्टी पर कितना होता है पत्नी का अधिकार? जानें

DESK : भारत में महिला और पुरुष दोनों को ही संविधान के अनुसार बराबर के अधिकार दिए जाते हैं। पर जब एक लड़की शादी करके दूसरे घर में जाती है और किसी की पत्नी बनती है, तब उसे कानूनी रूप से कितने अधिकार मिलते हैं? चलिए जानते हैं….


हिंदू विवाह अधिनियम के तहत यदि पति ने अपनी पत्नी के खिलाफ अदालत में कानूनी कार्यवाही दायर की है तो उस स्थिति में महिलाएं भी हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 24 के तहत अपने पति से भत्ता मांग सकती हैं। साथ ही घरेलू हिंसा अधिनियम और आईपीसी की धारा 125 के तहत महिलाएं जीवन भर अपने पति से गुजारा भत्ता लेने का अधिकार रखती हैं।


ससुराल की प्रॉपर्टी पर कितना होता है महिला का अधिकार?
यह जरूरी नहीं है कि ससुराल में जो प्रॉपर्टी आपके पति की है उसपर आपका भी उतना ही हक़ हो। एक महिला का अपने ससुराल की प्रॉपर्टी पर उतना अधिकार होता है जितना ससुराल वाले उसको देना चाहें। वहीं पति की मृत्यु के बाद बिना वसीयत के ही कानूनी तौर पर महिला उसकी प्रॉपर्टी की अधिकारी होगी। क्योंकि ये नियम हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 या भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम के अनुसार होगा।
परिस्थिति पर भी होता है निर्भर

यदि पति बिना वसीयत करे ही मर जाता है और अपने पीछे पत्नी, बेटा और बेटी को छोड़ जाता है तो सभी वर्ग 1 के तहत सम्पति के कानून अधिकारी है इसलिए पति की संपत्ति उन सभी के बीच कानूनी तौर पर एक समान रूप से विभाजित की जाती है। इसके साथ ही पत्नी का अपने पति के पूर्वजों की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं होता और ना ही व्यवस्था कोई दावा कर सकती है।