Rent Rule 2023 : अब किरायेदार भी कर सकता है आपकी प्रॉपर्टी पर कब्जा? जानें- ये नियम…

Rent Rule 2023 : मकान मालिक और किरायेदार के बीच अक्सर हिसाब किताब और रूम छोड़ने की बात को लेकर नोक झोक देखने को मिलता रहता है. हालांकि, कई मकान मालिक ऐसे भी होते हैं कि उन्हें केवल किराए से मतलब होता है तो कुछ मकान मालिक ऐसे भी होते हैं.

जिन्हें किरायेदार से किराए के साथ-साथ रूम की सेफ्टी पर भी हमेशा बातचीत होती रहती हैं. लेकिन कुछ किरायेदार ऐसे भी होते हैं जो लंबे समय से उस मकान में रह रहे हैं और वो मकान छोड़कर जाना नहीं चाहते हैं. वहीं किरायेदार मकान मालिक के कहने पर उससे बहस भी करने लगता है.

वहीं कई बार तो किराएदार एक-दो साल नहीं बल्कि 10 साल से उस मकान में किराए पर रह रहे होते हैं तो ऐसे में अगर आप एक किराएदार या मकान मालिक है. तो आपको नीचे दिए गए खास नियम को जरूर पढ़ना चाहिए ताकि आप अपने किराएदार पर कोई एक्शन लें सके और अपना कमरा खाली करवा सके.

पढ़ें लिमिटेशन एक्ट 1963

बता दें कि, लिमिटेशन एक्ट 1963 में मकान मालिक और किराएदार के बीच बनाए गए नियम को लेकर बात की गई है. एक्ट के तहत प्राइवेट रियल स्टेट और इमिटेशन की पहचान एक समय सीमा 12 साल ही तय की गई है इस आवाज को कब्जे का दिन कहा जाता है. इसके बाद किसी तरह का फैसला लिया जाएगा तो वह किराएदार के पक्ष में ही होगा.

किरायेदार होगा आपकी जमीन का मालिक

वहीं मकान को लेकर मकान मालिक की प्रॉपर्टी पर किराएदार का कोई हक नहीं होता है कि वो उस प्रॉपर्टी पर कब्जा कर सके. लेकिन कुछ नियमों में कुछ खास परिस्थितियों के कारण किराएदार उस प्रॉपर्टी का मालिक बन सकता है.

दरअसल, संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम के तहत इस बात का जिक्र किया गया है कि अगर कोई किरायेदार 12 साल से किसी प्रॉपर्टी में रह रहा है तो वह उस पर कब्जा कर सकता है और उसके साथ-साथ उसे उस प्रॉपर्टी को बेचने का अधिकार भी मिल जाता है.

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