Train Engine Weight : कई डिब्बों को अकेले दम पर खींचने वाला ट्रेन इंजन का वजन कितना होता है?

डेस्क: भारतीय रेलवे में हर व्यक्ति सफर करता है, लेकिन रेलवे से जुड़ी ऐसी बहुत सारी बातें हैं, जो बहुत कम ही लोग जानते हैं, तो आज आप लोगों को इस आर्टिकल के माध्यम से रेलवे के एक अनसुलझे सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे, जो कि अक्सर लोगों के मन में चलता रहता है, कई बार लोगों के मन में यह प्रश्न तो जरूर उठता होगा? आखिर एक रेल इंजन का वजन कितना होता होगा, (Train Engine Weight) तो आज आप लोगों को इस सवाल का जवाब दे देंगे।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि भारतीय रेलवे में कई प्रकार के लोकोमोटिव यानी इंजन होते हैं, कुछ दशक पहले भारत में भाप इंजन पर भी ट्रेनों को चलाया जाता था, लेकिन अब उनका उपयोग सिर्फ सिर्फ हेरिटेज गाड़ियों के लिए ही किया जाता है। अभी वर्तमान में सिर्फ इलेक्ट्रिक और डीजल इंजन चलते हैं। लोकोमोटिव को भी लोको या इंजन कहा जाता है। वहीं रेल अधिकारियों की मानें तो पहले ट्रेन के इंजन और डिब्बे का वजन कम होता था लेकिन अब उन्हें बढ़ा दिया गया है। इस वक्त जो इंजन ट्रेनों में लगाए जा रहे हैं उसका वजन लगभग 130 टन प्रति एक्सल लोड है। पहले पटरियां 15 टन प्रति एक्सल लोड बजन को ट्रैन उठती थीं। अब जो पटरियां लग रही हैं वे 24 टन प्रति एक्सल लोड वजन बजन को ट्रैन उठा सकती हैं।

आपको बता दें कि भारतीय रेलवे में कई प्रकार के इंजन होते हैं, जिसमें WG-9 , WG- 7, WG-5, WAP- 7, WAP-5, WDM2, WDM3A, WDM3D, WDG3A, WDG4, WDP4 आदि शामिल है, ऐसे में हर इंजन के हिसाब से अलग वजन होता है और सभी इंजन की लेंथ, स्पीड, आरपीएम, फ्यूल टैंक, फैन ड्राइव, गियर रेशो, टर्बोचार्जर आदि शामिल है। वहीं, इंजन के फ्यूल टैंक (fuel tank)की बात करें तो इसमें 5000, 6000 लीटर की क्षमता होती है।