आखिर कैसे मिनटों में माप लेते है भूकंप की तीव्रता, जानिए- कैसे काम करता है डिवाइस ?

दुनिया के कुछ हिस्सों में आए दिन हर रोज भूकंप के झटके महसूस होते रहते हैं. इतना ही नहीं भूकंप के झटके लोगों के लिए इतना खतरनाक भी साबित होता है कि उन्हें उनके परिवार से अलग होना पड़ जाता है. अब हाल के दिनों में नेपाल में आया भूकंप लोगों के लिए किसी तबाही से काम नहीं था.

अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो यहां पर कई लोगों को जान भी गाना पड़ गया जबकि भूकंप के चलते कई सौ लोग घायल भी हुए हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि भूकंप आते ही इसकी तीव्रता का अनुमान और माप कैसे किया जाता है? आइए बताते है..

क्यों आता है भूकंप ?

दरअसल, भूकंप आने के पीछे की सबसे बड़ी वजह टेक्टोनिक प्लेट में हो रही तेज हलचल होती है. इसके अलावा अल्का के प्रभाव से ज्वालामुखी पर विस्फोट यानी माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग प्रभावित होता है. जिसकी वजह से भूकंप का झटका धरती पर महसूस होता है. वहीं धरती के हर हिस्से में कभी न कभी बड़ा भूकंप का झटका जरूर आता है. जिसकी वजह से कई बार लोगों को जान गवानी पड़ जाती है.

ऐसे मापा जाता है भूकंप

भूकंप की तीव्रता मापने के लिए सीस्मोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है. दरअसल, इस डिवाइस की मदद से पृथ्वी के अंदर हो रहे हलचल का एक ग्राफ बनकर सामने आता है. जिससे यह अनुमान लगाया जाता है कि भूकंप की तरंगों की तीव्रता कितनी है और यह कितनी देर तक रहेगा? यहां तक कि जब धरती पर भूकंप आता है तो सिस्मोग्राफी का कुछ हिस्सा छोड़कर बाकी सभी हिस्से भी हिल जाते हैं और जो हिस्सा नहीं मिलता है. उस हिस्से से तीव्रता की माप दर्ज होती है.