इस मुग़ल शासक ने किया सबसे लंबे समय तक एक बड़ी आबादी पर अत्याचार – इतने दिन तक बैठा गद्दी पर

बाबर ने देश में मुगल साम्राज्य की स्थापना की। पता लगाएँ कि मुग़ल साम्राज्य की स्थापना कब हुई और किस शासक ने इतिहास के सबसे लंबे और सबसे छोटे समय पर शासन किया। मुगलों ने भारत पर 300 से अधिक वर्षों तक शासन किया। बाबर ने देश में मुगल साम्राज्य की स्थापना की। उनके बेटे हुमायूँ ने उस सल्तनत को शेर शाह सूरी से खो दिया, लेकिन डेढ़ दशक बाद इसे फिर से हासिल कर लिया। मुगल इतिहास में कुछ ऐसे बादशाह हुए जो सबसे लोकप्रिय हुए अकबर, शाहजहाँ और औरंगज़ेब इतिहास में सबसे अधिक दर्ज हैं। जहाँ जनता की राय अकबर के लिए सकारात्मक थी वहीं औरंगजेब को इतिहास का सबसे क्रूर मुगल बादशाह कहा जाता था।

मुग़ल साम्राज्य की स्थापना कब हुई और किस शासक ने इतिहास के सबसे लंबे और सबसे छोटे समय पर शासन किया। बाबर (4 साल 250 दिन): इतिहास की सबसे दिलचस्प बात यह है कि भारत में मुगलों की नींव रखने वाले बादशाह ने सिर्फ 4 साल 250 दिन तक शासन किया। बाबर ने 20 अप्रैल 1526 से 26 दिसंबर 1530 तक अपनी अंतिम सांस तक शासन किया। वह अपनी आत्मकथा लिखने वाले पहले मुगल बादशाह थे। आमतौर पर मुगलों की आत्मकथाओं में बातों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता था, लेकिन बाबर ने अपनी असफलताओं के बारे में खुलकर लिखा।

सम्राट हुमायूँ (10 वर्ष): सम्राट हुमायूँ मुगल साम्राज्य के दूसरे सम्राट थे। उन्होंने 26 दिसंबर 1530 से 17 मई 1540 तक और फिर 22 जून 555 से 27 जनवरी 1556 तक शासन किया। शेर शाह सूरी द्वारा पराजित होने के बाद उन्होंने मुगल साम्राज्य को खो दिया लेकिन 15 साल बाद इसे फिर से हासिल कर लिया। हुमायूँ बाबर का पुत्र था जिसने भारत में मुगल साम्राज्य का निर्माण किया बाबर ने हुमायूँ को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। सम्राट बाबर की मृत्यु के बाद 30 दिसंबर 1530 को हुमायूं का राज्याभिषेक हुआ।

सम्राट अकबर (49 वर्ष 9 महीने): सम्राट अकबर तीसरे मुगल सम्राट थे। उन्होंने 11 फरवरी 1556 से 27 अक्टूबर 1605 तक मुगल सल्तनत पर शासन किया। अकबर के अधीन, मुगल साम्राज्य, धन, राजनीतिक प्रभाव और सैन्य क्षमताओं में बढ़े। अपने पिता हुमायूँ की मृत्यु के बाद, बैरम खान, जो उनके सेनापति थे, ने साम्राज्य पर अधिकार कर लिया और बाद में उन्हें मुगल सिंहासन पर बिठाया।

जहांगीर (21 साल 11 महीने 23 दिन): जहांगीर चौथा मुगल बादशाह था, जिसने 3 नवंबर 1605 से 28 अक्टूबर 1627 तक शासन किया। इतिहासकारों के मुताबिक जहांगीर को शराब बहुत पसंद थी। हालाँकि, शासन ने साम्राज्य को बनाए रखा और अपनी सीमाओं का विस्तार किया। उनके शासनकाल को ज्यादातर उनकी प्यारी पत्नी नूरजहाँ के कारनामों के लिए याद किया जाता है।

बादशाह शाहजहाँ (30 साल, 8 महीने): शाहजहाँ मुग़ल साम्राज्य के 5वें बादशाह थे जिन्होंने 19 जनवरी 1628 से 31 जुलाई 1658 तक शासन किया। अधिकांश निर्माण कार्य शाहजहाँ के शासनकाल में हुए। ताजमहल, लाल किला, मोती मस्जिद, जामा मस्जिद और आगरा किले सहित कई ऐतिहासिक इमारतों का निर्माण किया गया। मुमताज महल की मृत्यु के बाद शाहजहाँ ने अपने शोक में समाज और साम्राज्य से दूरी बना ली

औरंगजेब (48 वर्ष 7 महीने): औरंगजेब मुगल साम्राज्य का छठा बादशाह था जिसने 31 जुलाई 1658 से 3 मार्च 1707 को अपनी मृत्यु तक शासन किया। औरंगजेब को साम्राज्य का अंतिम प्रभावी मुगल शासक माना जाता है। बादशाह ने अपने पिता शाहजहाँ को कैद कर लिया और अपने भाई दारा शिकोह को मरवा दिया। इस प्रकार वह मुगल बादशाह बना। उसने पूरे दक्षिण एशिया में शरिया और इस्लामी कानून लागू किया। जजिया कर गैर-मुसलमानों से भी वसूला जाता था।

बहादुर शाह प्रथम (4 वर्ष, 253 दिन): बहादुर शाह प्रथम आठवें मुगल सम्राट थे, जिन्होंने 19 जून 1707 से 27 फरवरी 1712 तक अपनी अंतिम सांस तक शासन किया। बहादुर शाह प्रथम को ‘शाह आलम प्रथम’ या ‘आलमशाह प्रथम’ के नाम से भी जाना जाता था

मुहम्मद शाह (28 वर्ष, 212 दिन): मुहम्मद शाह मुगलों के 13वें बादशाह थे। उन्होंने 16 वर्ष की आयु में साम्राज्य पर अधिकार कर लिया और 27 सितंबर 1719 से 26 अप्रैल 1748 तक शासन किया। शाह के शासनकाल के दौरान, दिल्ली विद्वानों, धार्मिक कवियों, चित्रकारों, संगीतकारों और नर्तकियों का केंद्र बन गई। मुहम्मद शाह रंगीला के शासनकाल में उनके नपुंसक होने की अफवाहें फैलाई गईं। उसे गलत साबित करने के लिए, मुहम्मद शाह ने एक पेंटिंग बनाई, जिसमें दिखाया गया कि उसका एक नौकरानी के साथ संबंध है।

अहमद शाह बहादुर (6 साल, 37 दिन): अहमद शाह बहादुर 14वें मुगल बादशाह थे उनके पिता, सम्राट मुहम्मद शाह ने उन्हें 22 वर्ष की आयु में 1748 में सिंहासन पर बिठाया। उन्होंने 29 अप्रैल 1748 से 2 जून 1754 तक शासन किया।

आलमगीर द्वितीय (5 वर्ष, 180 दिन): आलमगीर द्वितीय 15वां मुगल सम्राट था, जिसने 3 जून 1754 से 29 नवंबर 1759 तक शासन किया। वह जहंदर शाह का पुत्र था और सभी सही हाथों में एक कमजोर शासक साबित हुआ। उसका वजीर इमाद-उल-मुल्क, जिसने अंततः उसे मार डाला।

शाह आलम द्वितीय (45 वर्ष, 339 दिन): आलमगीर द्वितीय के पुत्र शाह आलम द्वितीय 17वें मुगल सम्राट थे। वह ऐसे समय में मुगल सम्राट बना जब सल्तनत का पतन शुरू हो गया था साम्राज्य कमजोर हो रहा था। मुगल प्रभाव कम होने लगा। शाह आलम ने दो चरणों में शासन किया। पहले 10 अक्टूबर 1760 से 31 जुलाई 1788 तक और फिर 16 अक्टूबर 1788 से 19 नवंबर 1806 तक।

अकबर शाह द्वितीय (30 वर्ष, 321 दिन): अकबर शाह को अकबर द्वितीय के नाम से जाना जाता है वह शाह आलम द्वितीय के दूसरे पुत्र और बहादुर शाह द्वितीय के पिता थे उन्होंने 19 नवंबर 1806 से 28 सितंबर 1837 तक शासन किया। यह वह दौर था जब भारत पर अंग्रेजों का शासन था। बढ़ते ब्रिटिश प्रभाव से उनकी स्थिति काफी हद तक कम हो गई थी।

फर्रुखसियर (6 वर्ष, 48 दिन): फर्रुखसियर अपने चाचा और सम्राट जहंदर शाह की हत्या के बाद 11 जनवरी 1713 से 28 फरवरी 1719 तक 10वें मुगल सम्राट बने। उनके पास स्वतंत्र रूप से शासन करने की शक्ति और ज्ञान की कमी थी। इतिहासकार कहते हैं कि वह केवल नाम का सम्राट था

शाहजहाँ चतुर्थ (63 दिन): शाहजहाँ चतुर्थ ने 1788 में थोड़े समय के लिए मुग़ल सम्राट के रूप में शाह आलम द्वितीय का स्थान लिया। वह 31 जुलाई 1788 से 11 अक्टूबर 1788 तक सिंहासन पर बैठा। वह मुगल इतिहास में सबसे कम समय तक शासन करने वाला सम्राट था।

बहादुर शाह जफर (19 वर्ष, 360 दिन): बहादुर शाह द्वितीय भारत के 20वें और अंतिम मुगल सम्राट थे। उसके समय में मुगल साम्राज्य नाम का ही रह गया। उसका अधिकार पुरानी दिल्ली (शाहजहाँनाबाद) की चारदीवारी तक सीमित था। 1857 के विद्रोह में उनकी भागीदारी के बाद अंग्रेजों द्वारा उन्हें कई आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें 1858 में रंगून निर्वासित कर दिया गया था।