बिंदी केवल हिंदू धर्म ही नहीं बल्कि मुस्लिम और ईसाई महिलाएं भी लगाती हैं… जानिए आंकड़े

रिसर्च एजेंसी प्यू के एक सर्वे के मुताबिक देश में किस धर्म की महिलाएं कितनी बिंदियों का इस्तेमाल करती हैं। आइए इसे आंकड़ों से समझते हैं। नारी की सुंदरता में चार चांद लगाने वाली बिंदी धर्म की दीवारों को तोड़ रही है। यह अब हिंदू समुदाय तक ही सीमित नहीं है। रिसर्च एजेंसी प्यू के एक सर्वे में पता चला है कि देश में अलग-अलग धर्मों की महिलाएं किस हद तक बिंदी का इस्तेमाल करती हैं।

जानिए क्या कहते हैं आंकड़े…नारी की सुंदरता में चार चांद लगाने वाली बिंदी धर्म की दीवारों को तोड़ रही है। यह अब हिंदू समुदाय तक ही सीमित नहीं है। रिसर्च एजेंसी प्यू के एक सर्वे में पता चला है कि देश में अलग-अलग धर्मों की महिलाएं किस हद तक बिंदी का इस्तेमाल करती हैं। जानिए क्या कहते हैं आंकड़े…

सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, 84 फीसदी हिंदू महिलाएं बिंदी का इस्तेमाल करती हैं। महिलाओं में बिंदी और पुरुषों में तिलक हिंदू संस्कृति का अहम हिस्सा रहा है। हिंदू धर्म में बिंदी को विशेष महत्व दिया जाता है। बिंदी देश में कई बार चर्चा का विषय रही है। धार्मिक अवसरों पर विज्ञापनों ने बहस को हवा दी। कुछ समय पहले, जब ज्वेलरी कंपनी मालाबार गोल्ड ने अक्षय तृतीया का विज्ञापन जारी किया था, करीना कपूर को बिना बिंदी के देखा गया था।

इसके चलते उन्हें ट्रोल करना पड़ा। सोशल मीडिया पर #NobindinoBusiness ट्रेंड कर रहा है। कई भारतीय यूजर्स ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि कोई त्योहार हो या कोई खास मौका, चाहे हिंदू महिलाएं कुमकुम लगाएं या बिंदी। हिंदू त्योहारों से संबंधित किसी भी विज्ञापन को बिना डॉट के दिखाना धर्म का अपमान करने जैसा है। आयुर्वेद और एक्यूप्रेशर में बिंदी लगाने के फायदों के बारे में बताया गया है। आयुर्वेद के अनुसार जिस भाग में बिंदी लगाई जाती है उसे आज्ञा चक्र कहते हैं यहां जब दबाव होता है तो मन को शांति मिलती है।