क्या आप जानते हैं PIN CODE का मतलब क्या होता है? जानिए- इस अंक से जुड़ी कुछ खास बातें.

डेस्क: कई बार ऐसा होता है कि हम लोग किसी दस्तावेज या किसी सरकारी काम के सिलसिले से अपना एड्रेस प्रूफ भरते हैं, और साथ में पिन कोड (PIN CODE) डालना भी अनिवार्य होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं? पिन कोड के इन 6 डिजिट अंको का मतलब क्या होता है, अगर नहीं जानते हैं तो कोई बात नहीं.. आज आप लोगों को इसके बारे में पूरी तरीके से समझाएंगे, आखिर इन नंबरों का मतलब क्या होता है?

जानकारी के लिए आपको बता दे कि भारत देश में पिन कोड(Pincode) की शुरुआत 5 Aug 1972 ईस्वी को हुई थी, वहीं इन पिन (PIN) नंबर का मतलब होता है, “postal index number”.. फीट इसकी शुरुआत श्रीराम भीकाजी वेलणकर के द्वारा की गई थी, मालूम हो कि वर्ष 1972 तक सामान्य डाकघर में चिठ्ठियों को पढ़ा जाता था और खंडों में विभाजित किया जाता था, इस काम में कई मुश्किलें थीं, कई बार लोगों के खत गलत एड्रेस पर चले जाते थे, इन सब से बचने के लिए अक्षरों को सेक्शन में विभाजित करने के लिए यह पिन कोड(Pincode) पद्धति लागू की गई थी।

अब आप लोग सोच रहे होंगे, आखिर यह पिन नंबर कैसे काम करता है, तो आपको बता दें की पिन कोड कुल 6 अंकों का होता है, इस कोड के अंतर्गत आपके एरिया की पूरी जानकारी दी जाती है। इसका हर नंबर किसी खास एरिया के लिए ही बनाया गया है, इस जानकारी की मदद से पोस्ट ऑफिस (POST OFFICE) के लोग सही जगह समान को डिलिवर करते हैं, मालूम हो की पूरा देश 6 खास जोन में डिवाइड किया हुआ है, इसमें रीजनल जोन और एक फंक्शनल जोन है, हर पिन कोड (pincode) किसी न किसी खास जोन(zone) की जानकारी देता है।

जाने सभी राज्यों का अलग-अलग पिन नंबर

  • 11 से दिल्ली
  • 12 और 13 हरियाणा
  • 14 से 16 पंजाब
  • 17 हिमाचल प्रदेश
  • 18 से 19 जम्मू और कश्मीर
  • 20 से 28 उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
  • 30 से 34 राजस्थान
  • 36 से 39 गुजरात
  • 40 से 44 महाराष्ट्र
  • 45 से 49 मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़
  • 50 से 53 आंध्र प्रदेश
  • 56 से 59 कर्नाटक
  • 60 से 64 तमिलनाडु
  • 67 से 69 केरल
  • 70 से 74 पश्चिम बंगाल
  • 55 से 77 उड़ीसा
  • 78 असम
  • 79 पूर्वांचल
  • 80 से 85 बिहार और झारखंड
  • 90 से 99 सेना डाक सेवा