Bank PO और Clerk की नौकरी में क्या है अंतर? किसमें मिलती है ज्यादा सैलरी? जानें- बेहतर ऑप्शन

डेस्क : देश में बैंक की नौकरी हर युवा की पहली पसंद है। इसके लिए कड़ी मेहनत करते हैं। लेकिन तैयारी करते समय युवाओं को पद के बारे में जानकारी कई बार नहीं होती है। दरअसल बैंक कई पदों पर भर्तियां करता है। इनमें युवाओं का फोकस क्लर्क और पीओ (Bank PO) पर ज्यादा रहता है। ऐसे में आपके लिए पदों के बीच अंतर समझना बहुत जरूरी है। तो आइए विस्तार से जानते हैं।

बैंक क्लर्क और पीओ क्या हैं?

बैंक क्लर्क की बात करें तो उसका काम कैश जमा करना, कैश निकालना, चेक जमा करना और पासबुक में एंट्री करना होता है। जबकि पीओ यानी प्रोबेशनरी ऑफिसर बैंक में एक अधिकारी के तौर पर अपना काम शुरू करता है। उन्हें हर दिन कई अहम फैसले लेने पड़ते हैं, जैसे किसे कर्ज देना है और किसे नहीं। कौन सा बैंक भ्रष्ट हो गया है, किसका खाता बंद करना है और किसके खाते की जांच करनी है।

भर्ती की प्रक्रिया

भारत में इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन हर साल बैंकों में क्लर्क और अधिकारियों की भर्ती के लिए सूचना जारी करता है। इस परीक्षा में प्री और मेन लेवल की दो परीक्षाएं होती हैं, इंटरव्यू और ग्रुप डिस्कशन। इस परीक्षा को पास करने के बाद दोनों पदों पर नौकरी मिलती है। दोनों पदों के लिए परीक्षा प्रक्रिया समान है। लेकिन कठिनाई के स्तर भिन्न हैं।

दोनों पदों के लिए योग्यता

दोनों पदों के लिए उम्मीदवार को किसी भी विषय में स्नातक होना चाहिए। लेकिन पीओ के पद पर आवेदन करने के लिए ग्रेजुएशन में कम से कम 60% अंक होना जरूरी है। इसके अलावा, उम्मीदवारों को उस राज्य की स्थानीय भाषा के साथ-साथ कंप्यूटर का भी अच्छा ज्ञान होना चाहिए जहां से वे परीक्षा दे रहे हैं। क्लर्क के पद पर आवेदन करने के लिए किसी भी उम्मीदवार की उम्र 20-28 साल के बीच और पीओ के लिए 20 से 30 साल के बीच होनी चाहिए। दोनों पदों के लिए आरक्षित वर्ग को सरकारी नियमों के अनुसार आयु में छूट दी गई है।

दोनों को कितनी सैलरी मिलती है?

एक बैंक क्लर्क को प्रारंभिक स्तर पर अन्य भत्तों के साथ 35,000 रुपये प्रति माह मिलेंगे। पीओ के रूप में काम करने वाले उम्मीदवार को शुरुआती वेतन लगभग 50,000 रुपये से 70,000 रुपये मिलता है। इसके अलावा उन्हें कई अन्य सुविधाएं और भत्ते भी दिए जाते हैं।