डेस्क : आज के समय में हर किसी के पास अपना बैंक खाता है। लेकिन बैंक से जुड़ी कई ऐसी बातें हैं जिनके बारे में जानकारी के अभाव में लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। बैंक खाता खोलते समय नॉमिनी का नाम जोड़ना बहुत जरूरी है।
दरअसल, खाताधारक की मृत्यु के मामले में परिवार के सदस्यों के लिए जीवन भर की जमा पूंजी निकालना आसान बनाने के लिए नामांकित व्यक्ति यानी नॉमिनी का नाम होना जरूरी है। कई बार लोग नाम जोड़ना भूल जाते हैं। ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें यह भी नहीं पता कि नॉमिनी क्या होता है। तो आज हम इस आर्टिकल में इन सभी बातों को विस्तार से जानेंगे।
अगर खाताधारक की मृत्यु हो जाती है तो बैंक खाते में पड़ा पैसा उसके नॉमिनी को सौंप दिया जाता है। बैंक के रिकॉर्ड में मौजूद नॉमिनी की पहचान और सत्यापन के बाद बैंक खाताधारक की सारी जमा राशि नॉमिनी को सौंप देता है। जब भी आप बैंक में खाता खुलवाते हैं या एफडी बनवाते हैं तो बैंक नॉमिनी का नाम पूछता है। दरअसल, नॉमिनी वह व्यक्ति होता है जो बैंक खाताधारक की मृत्यु के बाद बैंक खाते या एफडी में जमा रकम पर दावा कर सकता है।
ज्वाइंट अकाउंट है तो नॉमिनी कैसे तय होगा?
अगर आपका संयुक्त खाता है तो नॉमिनी का फैसला सभी खाताधारकों की सहमति से किया जाएगा। आप चाहें तो नॉमिनी में किसी का नाम जोड़ या हटा भी सकते हैं। हालाँकि, यदि ज्वाइंट अकाउंट है तो ऐसा करने के लिए सभी जमाधारकों की सहमति आवश्यक होगी।
क्या बाद में नॉमिनी को जोड़ सकता है?
आप चाहें तो अपने नॉमिनी का नाम ऑनलाइन अपने बचत खाते में जोड़ सकते हैं। यह सुविधा आपको नेट बैंकिंग के जरिए मिलती है। लॉगिन करने के बाद आपको सेविंग अकाउंट बैलेंस पर क्लिक करना होगा। खाता सारांश पृष्ठ पर क्लिक करें और नामांकित व्यक्ति पर क्लिक करें। वहां आप Add new Nominie या Modify पर क्लिक करके नाम जोड़ या बदल सकते हैं।