अब देश में 50% तक घट जाएगी Petrol-Diesel की कीमत! Nitin Gadkari ने किया बड़ा दावा..

डेस्क : केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी(Nitin Gadkari) ने दावा किया है कि शुद्ध पारंपरिक जीवाश्म ईंधन के बजाय मेथनॉल का उपयोग करने से ईंधन की लागत 50 प्रतिशत तक कम हो सकती है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक ईंधन पर निर्भरता को कम करने के लिए वैकल्पिक ईंधन स्रोतों, विशेष रूप से मेथनॉल का उपयोग अब अत्यंत आवश्यक हो गया है।

आपको बता दें कि सरकार भी इस दिशा में तेजी से काम कर रही है, इसलिए इलेक्ट्रिक वाहनों पर भी सब्सिडी दी जा रही है ताकि लोग पेट्रोल-डीजल की खपत कम कर सकें। गडकरी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि के साथ, अधिक आसानी से उपलब्ध और सस्ते ईंधन की खोज करना आवश्यक हो गया है। उन्होंने दावा किया कि मेथनॉल डीजल की तुलना में काफी सस्ता है और डीजल इंजन को मेथनॉल से चलने वाले इंजन में बदलने के लिए तकनीक पहले से ही उपलब्ध है।

गडकरी ने कहा कि एक स्वीडिश कंपनी पहले ही डीजल इंजन को मेथनॉल इंजन में बदलने की तकनीक का आविष्कार कर चुकी है। गडकरी ने यह भी बताया कि डीजल से मेथनॉल में बदलाव से असम अच्छी तरह से लाभान्वित होने के लिए तैयार है। वर्तमान में असम प्रतिदिन 100 टन मेथनॉल का उत्पादन करता है और दैनिक उत्पादन को 500 टन तक बढ़ाया जा सकता है। डीजल के विकल्प के रूप में मेथनॉल पर जोर देने के अलावा, गडकरी ने यह भी कहा कि जलमार्ग सड़क मार्ग का एक सस्ता विकल्प हो सकता है।

उनके अनुसार, यदि सड़क मार्ग से परिवहन की लागत 10 रुपये है, तो इसे रेलवे द्वारा घटाकर 6 रुपये किया जा सकता है और यह राशि जलमार्ग के माध्यम से घटकर मात्र 1 रुपये रह जाती है। यह पहली बार नहीं है जब नितिन गडकरी ने वैकल्पिक और हरित ईंधन के उपयोग की वकालत की है। वह लंबे समय से पेट्रोल और डीजल के विकल्प के रूप में जैव ईंधन, इथेनॉल और मेथनॉल का उपयोग करने की बात कर रहे हैं। ऑटो उद्योग भी पेट्रोल और डीजल का उपयोग करने के बजाय हरित और वैकल्पिक ईंधन समाधान का उपयोग करने का विचार तलाश रहा है। पिछले कुछ महीनों में खासकर हाल के विधानसभा चुनाव के बाद देश में पेट्रोल-डीजल के दामों में जबर्दस्त उछाल आया है, देश के कई राज्यों में ईंधन के दाम सदी के आंकड़े को पार कर गए हैं।