सिर्फ Property Registration से नहीं मिलता घर-जमीन का मालिकाना हक, Mutation है बेहद जरूरी…

Property Mutation: आज लोग किसी भी प्रॉपर्टी (Property) को खरीदने के तुरंत बाद रजिस्ट्री करवाते हैं और इस बात के पक्के हो जाते हैं. जमीन उनके नाम हो गई है यानी अब उस जमीन का मालिकाना हक उनका ही है. यही वजह है कि आज लोग जमीन की खरीद में ठगे जा रहे हैं. और उनके आंखों के सामने उनकी खरीदी हुई जमीन और पैसा हाथ से निकल जाता है.

दरअसल, आज के समय में लोग अपने पूरे जीवन की कमाई हुई पूंजी को इकट्ठा कर किसी प्रॉपर्टी (Property) को खरीदने के लिए इन्वेस्ट कर देते हैं. उसे प्रॉपर्टी की खरीद के बाद उसकी रजिस्ट्री करवा लेते हैं. लेकिन लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है. जमीन की रजिस्ट्री के बाद से उस जमीन का मालिकाना हक क्या उनका हो जाता है? अगर आप भी इसी तरह का सोच रखते हैं तो आप बिल्कुल गलत हैं क्योंकि आजकल ऐसे कई मामले देखने को मिल रहे हैं. यहां एक ही प्रॉपर्टी (Property) को ब्रोकर कई लोगों को बेचकर पैसे लेकर फरार हो चुका है.

इतना ही नहीं अगर खरीदी गई प्रॉपर्टी (Property) पर पहले से कर्ज लिया गया है और आप इस कर्ज ली गई प्रॉपर्टी को खरीदने का प्लान रहे हैं तो रजिस्ट्री से पहले आपको पूरा कर्ज चुकाना होगा. इसीलिए जमीन की रजिस्ट्री इतनी आसान और पक्की होती है. वहीं इसके साथ आपको कई तरह की दस्तावेज भी लेने पड़ते हैं. तो चलिए विस्तार से समझते है.

प्रॉपर्टी म्यूटेशन पर बनाएं रखें नजर

लोग प्रॉपर्टी (Property) तो खरीद लेते हैं. लेकिन नामांतरण (ट्रांसफर) और सेल डीड में अंतर न समझ कर उसे एक ही समझने की गलती कर बैठते हैं. लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है क्योंकि दोनों एक दूसरे से काफी अलग होते है. सरल भाषा में समझे तो जमीन की खरीद के बाद रजिस्ट्री होने पर लोग समझ जाते हैं कि, अब जमीन पर मलिकाना हक उन्हीं का है और ऐसे में नामांतरण पर ध्यान ही नहीं देते हैं. दरअसल,जमीन की रजिस्ट्री के बाद भी जमीन आपकी नहीं होती है. जब तक कि आप उस जमीन का नामांतरण नहीं करा लेते हैं. इसीलिए जमीन को खरीदने से पहले आप उस जमीन के बारे में अच्छे से पता कर लें. कहीं किसी व्यक्ति ने उस जमीन पर लोन तो नहीं ले रखा है.

क्या है ट्रांसफर का पूरा प्रोसेस ?

  • खासकर तीन तरह की संपत्ति को असल संपत्ति कहा जाता है. जिसमें खेती करने की जमीन, रहने की जमीन और औद्योगिक जमीन शामिल है.
  • तीनों तरह के जमीनों का नामांतरण यानी ट्रांसफर कराने के लिए अलग-अलग प्रोसेस
    फॉलो किया जाता है.
  • सबसे पहले खेती करने वाली जमीन के लिए आपको अपने इलाके के पटवारी के पास जाकर ट्रांसफर करवाना होता है.
  • औद्योगिक जमीन के ट्रांसफर के लिए आपको अपने जिले के औद्योगिक विकास केंद्र में जाकर ट्रांसफर करवाना होता है.
  • रहने योग्य जमीन के लिए आपको अपने नगर पालिका, ग्राम पंचायत और नगर निगम कार्यालय जाकर संपर्क करना होता है.
  • खासकर जमीन को खरीदते समय आपको उस जमीन से जुड़े जितने भी कागज है. उसे अपने नाम पर करवा लेना चाहिए.