National Highway : जाने आखिर कैसे तय होता है नेशनल हाईवे का नाम? क्या होते है इसके मानक?

National Highway : देश में बने हुए राष्ट्रीय राजमार्ग बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं और यह देश के अलग-अलग हिस्सों को जोड़ने का काम करते हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग के माध्यम से आप देश के एक कोने से दूसरे कोने तक जा सकते हैं। यहां तक कि देश को आर्थिक मजबूती देने में भी राष्ट्रीय राजमार्ग का बहुत बड़ा हाथ है।

NHAI द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास, प्रबंधन और देखभाल का काम किया जाता है। सन 1988 में संसद के एक अधिनियम के तहत इसका गठन किया गया था। देखा जाए तो हर एक राष्ट्रीय राजमार्ग का एक नाम होता है, जैसे राष्ट्रीय राजमार्ग-02, राष्ट्रीय राजमार्ग-23 आदि। लेकिन आज हम आपको बताने वाले है कि आखिर इनका नाम कैसे तय किया जाता है? आइये जानते है ये महत्वपूर्ण जानकारी…..

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि देश के वह राष्ट्रीय राजमार्ग जो पूर्व से पश्चिम की तरफ जाते हैं उनके लिए विषम संख्या में नंबर दिए जाएंगे। इसके अलावा जो राष्ट्रीय राजमार्ग उत्तर से दक्षिण की तरफ जाते हैं उनके लिए आरोही क्रम में नंबर दिया जायेगा।

इसका मतलब पूर्व से पश्चिम की तरफ जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग भारत के नक्शे में जितना उत्तर दिशा की तरफ होगा उसे उतनी ही छोटी विषम संख्या दी जाएगी। उदाहरण के तौर पर राष्ट्रीय राजमार्ग 01 उत्तरी भारत के पूर्व में लद्दाख को पश्चिम में जम्मू कश्मीर से जोड़ता है।

इसके अलावा अगर हम राष्ट्रीय राजमार्ग 85 की बात करें तो यह केरला के कोच्ची को तमिलनाडु के थोन्डी से जोड़ता है। इसके साथ ही उत्तर से दक्षिण की तरफ जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग को सम संख्या में नंबर दिया जाता है।

ये राष्ट्रीय राजमार्ग जितना पूर्व दिशा की तरफ होगा उसे उतनी ही छोटी समझ संख्या दी जाएगी। उदाहरण के लिए हम राष्ट्रीय राजमार्ग 02 का नाम लें तो ये पूर्वी भारत में असम के डिब्रुगढ़ को मिजोरम के तुलपंग के साथ जोड़ता है। इसके अलावा अगर हम पश्चिमी भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग 62 पंजाब के अबोहर को राजस्थान के पिंदवाड़ा के साथ जोड़ता है।