डेस्क : देशभर में लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच खाने वाले तेल की कीमतों में राहत मिली है। आपको बता दे की आमलोगों को महंगे तेल से थोड़ी राहत मिली है। ग्लोबल मार्केट में लगातार तेजी के बाद भी तेल-तिलहन मार्केट में सरसों और मूंगफली तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है।
कारोबार के बाद सरसों और मूंगफली का तेल सस्ता हो गया है। वहीं, सीपीओ, पामोलीन और सोयाबीन तेल की कीमतों में तेजी देखने को मिली है। जानकारी के मुताबिक, शिकॉगो एक्सचेंज में 1.8% की तेजी थी जबकि मलेशिया एक्सचेंज में 3% की तेजी रही है। उन्होंने कहा कि आयातित तेलों के मुकाबले देशी तेल कहीं सस्ते हैं। सरसों तेल, थोक भाव से 148 रुपये किलो में बैठता है और इसका खुदरा भाव अधिकतम 155-160 रुपये लीटर है।
वही, आयातित तेलों के मुकाबले देशी तेल 12-13 रुपये किलो सस्ते हैं। जबकि, मूंगफली तेल, सूरजमुखी के मुकाबले 30-40 रुपये सस्ता है। इसलिए सरकार को अधिकतम खुदरा मूल्य पर फोकस करना चाहिए। इसके अलावा उपभोक्ताओं को खाने वाले तेल की सही कीमत पर उपलब्ध कराने पर फोकस करना चाहिए। बाजार सूत्रों की माने तो सरसों की रिकॉर्ड पैदावार के बाद पिछले महीने 16 लाख टन की भारी मात्रा में पेराई की गई है। किसानों ने यह साबित किया है कि उन्हें सही प्रोत्साहन मिलता रहे तो वे उत्पादन बढ़ाने की क्षमता रखते हैं। मलेशिया और शिकागो एक्सचेंज में तेजी के कारण सोयाबीन तेल तथा सीपीओ एवं पामोलीन तेल कीमतों में सुधार आया है। सोयाबीन दाना एवं लूज के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।