Aadhar Number के साथ ये गलती करने पर तुरंत खाता हो जाएगा साफ- ठगी के नए तरीके जान लीजिए…..

Aadhar Number Cyber Fraud: आधुनिक तकनीक के विकास के साथ, जहां दूसरी ओर यह मानवता के लिए बहुत सारे लाभ प्रदान कर रही है, वहीं कुछ अधिकारी या घोटालेबाज़ लोग उसे अपने आप को लाभ पहुंचाने के लिए भी इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी तरह की एक नई चुनौती हमारे सामाजिक सुरक्षा प्रणाली के रूप में सिलिकॉन फिंगरप्रिंट का उपयोग करके उभर रही है।

आजकल, बहुत सारे बैंक, कंपनियां और सरकारी दफ्तर अपनी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सिलिकॉन फिंगरप्रिंट प्रणाली का उपयोग करते हैं। यह तकनीक आमतौर पर उँगली की सतह पर पायी जाने वाली चिप्स और नेटवर्क के संपर्क में आती है। जब यह तकनीक सही तरीके से इस्तेमाल होती है, तो यह बहुत मजबूत और सुरक्षित होती है। लेकिन हाल ही में हुए घटनाओं के आधार पर पता चला है कि इस तकनीक का दुरुपयोग हो रहा है।

सिलिकॉन फिंगरप्रिंट ठगी एक चिंताजनक मामला है जिसमें घोटालेबाज़ लोग लोगों की आधारित एलिगिबिलिटी प्रामाणिकता सत्यापन सिस्टम (एईपीएस) का दुरुपयोग करके धन की चोरी कर रहे हैं। एईपीएस एक तकनीक है जिसका उपयोग भारतीय बैंकों द्वारा डेबिट और क्रेडिट संचालन के लिए किया जाता है।

इस तकनीक का उपयोग करके, लोग अपने बैंक खाते से जुड़े हुए आईडी और सिलिकॉन फिंगरप्रिंट के माध्यम से अपने बैंक खाते में आपत्तिजनक कार्य कर सकते हैं। चोरी के लिए, घोटालेबाज़ लोग सिलिकॉन फिंगरप्रिंट की प्रतिलिपि बनाते हैं और उसे अपने उंगली पर लगाकर विभिन्न आधारित लेनदेन को प्रारंभ करते हैं। इस तरह, वे प्रशासनिक और वित्तीय सुरक्षा के तंत्र को ठगने का प्रयास करते है।

AePS की मदद से ना केवल पैसा निकालना, जमा करना और अकाउंट डिटेल भी चेक कर सकते हैं. इसके लिए अलग से AePS को एक्टिव करने की जरुरत नहीं पड़ती है. अगर आपका अकाउंट नंबर (Aadhar Number) आधार से लिंक्ड हुआ है तो आपके अकाउंट पर AePS सिस्टम यानी इस सुविधा का उपयोग कर सकते हैं.

ऐसे में आप इस फ्रॉड से अगर बचना चाहते हैं तो अपने आधार को लॉक करके ही रखें. जरूरत पड़ने पर ही इसे अनलॉक करके इस्तेमाल करें. ऐसे में अगर डेटा लीक भी हो जता है तो लॉक करने पर कोई आपके आधार नंबर (Aadhar Number) का गलत इस्तेमाल नहीं कर पाएगा. इसके अलावा मास्क आधार (Aadhar Number) का भी इस्तेमाल करके ठगी से बच सकते है.