खुशखबरी! और सस्ती होगी अरहर की दाल, सरकार ने लिया बड़ा फैसला….

आज के समय में तुवर दाल की कीमत आसमान छू रही है। जिससे कि आम आदमी काफी ज्यादा परेशान है। बता दे कि भारत देश में तुअर यानी अरहर दाल की ही सबसे ज्यादा खपत होती है। वहीं सरकार घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमत को नियंत्रित रखने की लगातार प्रयास कर रही है। इसके तहत वह अपने बफर स्टॉक से पात्र मिल मालिकों को अरहर दाल बेचने का विचार कर रही है। वही सरकार के इस फैसले के बाद अरहर दाल की कीमत में कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है।

खाद्य मंत्रालय के मुताबिक जब तक इंपोर्टेड अरहर की दाल बाजार में नहीं आती है तब तक सरकार तुवर को राष्ट्रीय बफर से सुनियोजित जारी रखेगी। बता दें कि सरकार दाल की सप्लाई में कमी नही होने देना चाहती है।

एक बयान के मुताबिक उपभोक्ता मामलों के विभाग ने राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ को उपभोक्ताओं के लिए अरहर दाल की उपलब्धता पढ़ाने के लिए ऑनलाइन नीलामी के माध्यम से सभी मिल मालिकों के बीच तुअर दाल का निपटान करने का निर्देश दिया है।

इसके साथ ही सरकार ने 2 जून को बेईमान सट्टेबाजी और जमाखोरी को रोकने तथा उपभोक्ताओं को सस्ते में आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 को लागू करके उड़द और अरहर की भंडारण सीमा लगा दी थी। बता दें कि सरकार के इस आदेश के बाद सभी केंद्र शासित प्रदेश और राज्य के लिए 31 अक्टूबर 2023 तक उड़द और तुवर दाल के लिए भंडारण सीमा निर्धारित कर दी गई है।

व्यक्तिगत रूप से लागू स्टॉक सीमा थोक विक्रेताओं के लिए 200 टन निर्धारित की गई है वहीं खुदरा विक्रेताओं के लिए यह 5 टन और बड़ी संख्या के खुदरा विक्रेताओं के लिए डिपो पर 200 टन, प्रत्येक खुदरा दुकान पर 5 टन, मिल मालिकों के लिए उत्पादन के अंतिम 3 महीने या वार्षिक क्षमता का 25% रखा गया है।

राज्य सरकारी भी कीमतों पर रख रही नजर

राज्य सरकारों द्वारा भंडार सीमा आदेश के कार्यान्वयन और पोर्टल पर स्टॉक प्रकृटीकरण की स्थिति की निगरानी की जाती है। बयान में बताया गया कि राज्य सरकार अपने-अपने राज्यों में कीमतों पर निरंतर नजर बनाए हुए हैं। भंडार सीमा आदेश का उल्लंघन करने पर सख्त कार्यवाही करने का भी कदम सरकार उठा सकती है।