अब कोलकाता से अगरतला की दूरी घटेगी! भारत-बांग्लादेश के बीच शुरू होगी नई रेलवे लाइन….

डेस्क : बांग्लादेश और भारत के रिश्ते बहुत मजबूत हैं। इसकी वजह दोनों देशों के बीच अच्छे व्यापारिक रिश्ते हैं। इसी कड़ी में पीएम नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने डिजिटल माध्यम से विकास से जुड़ी तीन बड़ी परियोजनाओं की शुरुआत की है।

ये दोनों देशों के लिए बेहद अहम है। मोदी और हसीना द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं में अखौरा अगरतला रेल क्रॉस बॉर्डर लिंक, बांग्लादेश में गंगासागर (अखौरा) और त्रिपुरा में निश्चिंतपुर के बीच 15 किमी लंबी रेल लाइन शामिल है। दूसरी है- 65 किमी लंबी खुलना मोंगला पोर्ट रेलवे लाइन। तीसरी परियोजना के रूप में ‘मैत्री सुपर थर्मल पावर प्लांट’ की दूसरी इकाई बांग्लादेश के रामपाल में शुरू हुई। आइए जानते हैं इन प्रोजेक्ट्स के बारे में।

मोदी ने कहा कि अखौरा-अगरतला रेल लिंक भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों और बांग्लादेश के बीच पहला रेल लिंक है। इससे सीमा पार व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही ढाका के रास्ते अगरतला और कोलकाता के बीच यात्रा का समय भी कम हो जाएगा। पीएम ने कहा कि सीमा पर शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए दोनों देशों के बीच दशकों से लंबित भूमि सीमा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए और समुद्री सीमा से जुड़े मुद्दों का भी समाधान किया गया।

क्रूज सेवा भी बढ़ी

मोदी ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच सबसे बड़ी क्रूज सेवा ‘गंगा विलास’ शुरू होने से पर्यटन भी बढ़ा है। नौ वर्षों में उत्तर-पूर्वी राज्यों को चटगांव और मोंगला बंदरगाहों के माध्यम से जोड़ने से दोनों देशों को लाभ हुआ है।

मोदी ने दोनों देशों को जोड़ने वाली परियोजनाओं को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इस कनेक्टिविटी ने कोविड के दौरान जीवन रेखा के रूप में काम किया। मोदी ने कहा कि बांग्लादेश के साथ साझेदारी मजबूत करना भारत की नेबरहुड फर्स्ट नीति का अहम हिस्सा है।

अखौरा-अगरतला रेल लिंक क्यों महत्वपूर्ण है?

ये तीनों प्रोजेक्ट भारत और बांग्लादेश की दोस्ती को मजबूत करते हैं और कनेक्टिविटी के लिए भी अहम हैं। ऐसा माना जाता है कि अखौरा-अगरतला रेल लिंक से कोलकाता से त्रिपुरा की राजधानी अगरतला तक ट्रेन द्वारा लगने वाले समय में 20 घंटे की कमी आएगी।

इस लिंक के जरिए बांग्लादेश होते हुए अगरतला तक रेल कनेक्टिविटी मिलेगी। साथ ही कोलकाता से अगरतला के रास्ते में 1100 कि.मी. की कमी आएगी। अभी 31 घंटे लगने वाली यह यात्रा भी घटकर 10 घंटे रह जाएगी।