Aadhaar Card में ये गलती करने पर जेल के साथ लग सकता है 1 करोड़ का जुर्माना, फटाफट जानिए नियम..

डेस्क : भारतीय आम नागरिकों का आधार कार्ड (Aadhaar Card) अहम दस्तावेजों में से एक है, क्योंकि आज के बदलते इस डिजिटल दौड़ में आधार कार्ड के बगैर आप कोई भी काम नहीं कर सकते हैं, यू कहे तो,,चाहे सरकारी योजना का लाभ हो या फिर आपके निजी काम की जरूरत,, हर चीज में आधार कार्ड की जरूरत पड़ने लगी है।

UIDAI देश में हर पुरुष, महिला और बच्चे के लिए जरूरी है। यह 12 अंकों की वेरिफाइबल पहचान नंबर है। यह आईडी वेरिफिकेशन से लेकर अलग-अलग पोर्टलों पर रजिस्ट्रेशन और यहां तक कि अलग-अलग सरकारी छुट को एक्सेस करने के लिए काम आता है। हालांकि, इतनी सारी सर्विसेज के बाबजूद भी जब लोग आधार कार्ड का दुरुपयोग करते पाए जाते हैं। जो आधार नियम का उल्लंघन करता उससे निपटने और कार्ड को पूरी तरह से सिक्योर बनाने के लिए UIDAI ने हाल ही में इस तरह के लोगों पर भारी जुर्माना लगाने की घोषणा की है।

आपको बता दे की यूनीक आईडी के लिए आधार कार्ड डाटा, फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन के साथ, बायोमेट्रिक डिवाइसेज द्वारा कैप्चर किया जाता है। किसी भी तरह की फ्रॉड अब बड़े पैमाने पर हैकर्स को जुर्माने के तहत ला सकती है। सरकार ने 2 नवंबर को UIDAI (जुर्माने का अधिनिर्णय) नियम, 2021 पेश किया है, जिसके तहत UIDAI किसी भी अनऑथराइज्ड एक्सेस या अधिनियम या UIDAI के निर्देशों के उल्लंघन के खिलाफ जुर्माना लगा सकता है। UIDAI ऐसी संस्थाओं पर 1 करोड़ तक का जुर्माना लग सकता है।

मालूम हो की यह नियम कानून 2019 में पारित किया गया था। हालांकि, UIDAI के लिए आधार ईकोसिस्टम में गलत संस्थाओं के खिलाफ एनफोर्समेंट एक्शन के लिए नया चैप्टर जोड़ा गया है। प्रावधानों में कहा गया है, “इस अधिनियम, नियमों, विनियमों और निर्देशों [धारा 33 A] के प्रावधानों का पालन करने में अगर चूक होती है तो हर उल्लंघन के लिए 1 करोड़ का जुर्माना लगाया जाएगा।

यदि UIDAI फेक डेमोग्राफिक या बायोमेट्रिक जानकारी का गलत इस्तेमाल करने या फिर उसकी फेक कॉपी बनाने के लिए 10,000 रुपये का जुर्माना और तीन साल की कैद की सजा देगा। UIDAI के मुताबिक, डेमोग्राफिक या बायोमेट्रिक जानकारी को बदलने या बदलने का प्रयास करके आधार धारक की पहचान को चुराना अपराध है और इसके लिए 3 साल की कैद और 10 हजार रुपये का जुर्माना लग सकता है।