डेस्क : बॉलीवुड की कई ऐसी फिल्में होती हैं, जो लोगों को याद रह जाती हैं। ऐसे में अक्षय कुमार की फिल्म ओ माय गॉड भी लोगों के दिलों ज़हन पर छा गई थी। फिल्म के द्वारा बेहद ही गहरे मतलब लोगो को समझाने का प्रयास किया गया था। फिल्म में बताने की कोशिश की गई थी की आखिर आखिर इंसान के जीवन में अध्यात्म की क्या अहमियत होती है? फिलहाल के लिए आपको बता दें कि 1990 के दशक में आई, रामायण रामानंद सागर द्वारा रचित की गई थी। उसमें अरुण गोविल ने भगवान् ने राम का किरदार निभाया था।
अब वह 35 साल बाद फिर से राम की भूमिका निभाने के लिए ओ माय गॉड के पार्ट 2 में नजर आएंगे। श्री अरुण गोविल की बात करें तो उनका मानना है कि जब से उन्होंने राम का रोल किया है। तब से अनेकों लोग उनको भगवान मान बैठे हैं, हालांकि ऐसा नहीं है कि मैं खुद को भगवान समझता हूं लेकिन जिस प्रकार से लोग मुझे इज्जत देते हैं उसका मान रखने के लिए मेरे को बहुत ही समझदारी भरे भाव से जीना पड़ता है। आने वाली फिल्मों में मैं राम का किरदार निभाने वाला हूं। मुझे अपनी पूरी जिंदगी भर इस सजगता के भाव को निभाना पड़ता है। यह भगवान् राम का मार्ग है जिसपे हर मनुष्य को चलना होता है।
यदि अरुण गोविल की जिंदगी की बात करें तो उन्होंने 1977 में पहली फिल्म से बॉलीवुड में एंट्री मारी थी। इसके बाद उन्होंने सावन आने दो -1979 में की थी। इसके बाद उन्होंने अभ्यास-1982 और ब्रजभूमि-1982 में की थी। साल 1987 में उनको रामानंद सागर द्वारा रचित रामायण में काम मिला गया था जिसके बाद वह काफी लोकप्रिय हो गए थे। आजतक लोग उनके द्वारा निभाए गए रोल को याद करते हैं। अब वह बड़े परदे पर अक्षय कुमार के साथ दिखेंगे।