बॉलीवुड स्टार Salman Khan और Amir Khan ने “अल्लाहहु अकबर” वाली  हिजाब गर्ल को दिए 3 करोड़ रूपए? यहाँ जानें पूरा मामला

डेस्क : कर्नाटक से शुरु हुए हिजाब विवाद देश विदेश में एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। इस मामले पर हर कोई अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहा है। इस विवाद की लहर में बॉलीवुड के टॉप सितारों का भी नाम शामिल है। हिजाब मामले में बीते दिनों सोशल मीडिया पर मुस्कान खान नाम की एक लड़की काफी सुर्खियों में रही। वीडियो में कॉलेज के बाहर लड़की हिजाब पहनकर ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे लगाती है। जिसके वायरल होते ही लोगों ने मुस्कान की हिम्मत की तारीफ करनी शुरू कर दी। वहीं कईयों ने इसकी आलोचना भी की।

हालांकि बात यही खत्म नहीं होती है। इस मामले में बॉलीवुड स्टार सलमान ख़ान और आमिर ख़ान का भी नाम सामने आया है। सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे पोस्ट शेयर किए गए हैं जिनमें दावा किया जा रहा है कि मुस्कान ख़ान को ऐसा करने के लिए सलमान ख़ान, आमिर ख़ान और तुर्की गवर्नमेंट 5 करोड़ देने वाले हैं। दरअसल, सोशल मीडिया डाले गए कुछ पोस्ट में कहा गया है कि मुस्कान खान को ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे लगाने के लिए सलमान खान आमिर खान और तुर्की सरकार पांच करो रुपए दे रही है। कहा जा रहा है कि सलमान खान आमिर खान मिलाकर उन्हें तीन करोड़ रूपए देंगे। वहीं दो करोड़ रूपए तुर्की सरकार मुस्कान को देगी।

बता दें कि यह ख़बर पूरी तरह से गलत है। यह केवल एक अफवाह है जिसे सोशल मीडिया पर फैलाया गया। KoiMoi की रिर्पोट के मुताबिक़, फैक्टली के रिसर्च में पता चलता है कि तुर्की सरकार ने ऐसा किसी भी तरह का ऑफिशियल बयान जारी नहीं किया है। यहां तक कि बॉलीवुड के ये दोनों सितारे भी इस हिजाब मामले से दूर हैं। इस मामले की शुरुआत 31 दिसंबर को हुई थी। कर्नाटक के उडुपी में स्कूल – कॉलेज में हिजाब पहनकर आने को लेकर विवाद अब बढ़ता ही जा रहा है। यह मामला कोर्ट तक पहुंच चुका है। दरअसल, 31 दिसंबर को जब उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज में 6 छात्राएं हिजाब पहनकर आई तो क्लास रूम में एंट्री करने से उन्हें रोक दिया गया था। जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और कॉलेज के बाहर प्रदर्शन भी हुआ था।

इसके बाद इस मामले पर कॉलेज प्रशासन ने एक्शन लेते हुए 19 फ़रवरी 2022 को छात्राओं के पेरेंट्स के साथ मीटिंग की लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। 26 जनवरी को एक बार फिर से कोशिश की गई। उडुपी विधायक रघुपति भट्ट ने कहा कि जो लड़कियां हिजाब के बिना स्कूल नहीं आ सकती है, वह ऑनलाइन पढ़ाई करें। परंतु अगले दिन 27 जनवरी को उन छात्राओं ने ऑनलाइन क्लास अटेंड करने से मना कर दिया। इसके बाद उडुपी के कुंडापुर में 2 फरवरी को सरकारी कॉलेज में भी हिजाब को लेकर विवाद शुरू हो गया। मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने के विरोध में हिंदू छात्र-छात्राएं भगवा शॉल और स्कार्फ पहनकर कॉलेज पहुंच गए। उसके बाद यह मामला धीरे-धीरे तूल पकड़ता गया।

5 फरवरी को राज्य सरकार द्वारा कर्नाटक शिक्षा अधिनियम 1983 की धारा 133(दो) लागू कर दिया गया। जिसके तहत सभी छात्र – छात्राओं को कॉलेज यूनिफॉर्म में ही आना अनिवार्य है। यह निजी और सरकारी कॉलेज दोनों पर ही लागू किया गया। हालांकि, कई सारे राजनीतिक दलों ने सरकार के इस फ़ैसले का विरोध भी किया। जिसके बाद मामला हाई कोर्ट तक जा पहुंचा।