Smart Meter Facts : बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर बवाल मचा हुआ है. आम जनता से लेकर विपक्षी राजनीतिक पार्टी तक इसका विरोध कर रहे हैं. खासकर, ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी स्मार्ट मीटर को लेकर लोगों में जागरूकता नहीं है. यही वजह है कि लोग नया कनेक्शन लेने से परहेज कर रहे है.
वहीं, स्मार्ट प्रीपेड मीटर के पुराने उपभोक्ताओं भी कई शिकायतें कर रहे हैं. इसमें सबसे ज्यादा शिकायतें अचानक बिजली बिल बढ़ जाने की आ रही है, लोग इस बात से परेशान हैं कि अचानक उनके मीटर बैलेंस से ऊर्जा शुल्क और फिक्स्ड चार्ज के अलावा एक्स्ट्रा पैसे क्यों कट जाती है?
इस समस्या को लेकर बिजली कंपनी का कहना है की ऐसा एक्सेस डिमांड चार्ज की वजह से होता है. अब आप लोग सो रहे होंगे आखिर एक्सेस डिमांड चार्ज क्या होता है? तो आपको बता दे की उपभोक्ताओं को उनके द्वारा लिए गए लोड से अधिक बिजली की खपत होने पर एक्स्ट्रा शुल्क और जुर्माना देना होता है.
अगर किसी उपभोक्ता ने 2 किलोवाट का लोड लिया है और किसी दिन उनका लोड 2 किलोवाट से ऊपर चला जाता है, तो उन्हें प्रति अतिरिक्त किलोवाट के हिसाब से शुल्क और जुर्माना देना होता है. यह पैसा उपभोक्ता के प्रीपेड बैलेंस से ऑटोमेटिक कट जाता है.
इसके साथ ही बिजली कंपनी को शिकायत मिल रही थी कि उपभोक्ता के प्रीपेड बैलेंस से किसी भी दिन अनियमित तरीके से पैसा कट रही है. जिसके बाद कंपनी के जांच में पाया गया कि कई उपभोक्ता किसी दिन अपने निर्धारित लोड से अधिक बिजली की खपत कर रहे हैं.
मतलब, उपभोक्ता ने अगर 2 किलोवाट का लोड लिया है और किसी दिन उसकी बिजली की खपत 2 किलोवाट से बढ़कर 3.03 किलोवाट हो जाती है तो उससे 4 किलोवाट का चार्ज लिया जाएगा. इसके चलते उसके बिल में अतिरिक्त पेनाल्टी जुड़ जाएगी.