मुंगेर यूनिवर्सिटी का कमाल छात्र को ऑनर्स में 800 में दे दिए 868 प्राप्तांक

किसी भी राज्य के विकास में शिक्षा का बहुत बड़ा योगदान होता है। लेकिन जब शिक्षा के स्तर को सिर्फ मजाक बना दिया जाए तो इससे चिंताजनक वजह कुछ और नहीं हो सकती है जो राज्य को अग्रणी बनाने की जगह पिछड़ेपन की तरफ धकेल जा रहा हो। बिहार अपनी शिक्षा नीतियों की वजह से हमेशा किसी ना किसी तरह खबरों में बना ही रहता है। सबसे कम वक्त में बोर्ड के रिजल्ट देने की बात हो या बिहार के टॉपर्स की इन सब की वजह से कुछ ना कुछ हमेशा ही खास रहता है।जिससे बिहार के स्टूडेंट्स और यहां की यूनिवर्सिटी, कॉलेजेस,हमेशा खबरों में बने ही रहते हैं। हाल ही में एक खास कारनामा मुंगेर विश्वविद्यालय ने किया है।

केकेएम कॉलेज जमुई के स्नातक के छात्र के रिजल्ट में हुई बड़ी गड़बड़ी 30 अप्रैल 2022 शनिवार के दिन मुंगेर विश्वविद्यालय ने सत्र 2018-21 का स्नातक अंतिम वर्ष पार्ट थर्ड का रिजल्ट जारी किया। जिसमें परीक्षा विभाग की काफी बड़ी लापरवाही सामने आ रही है।इसमें एक छात्र को 100 के बदले 555 अंक मिले हैं अर्थात कुल अंक प्रतिशत 108.5 हो गया है ।यह काफी आश्चर्यजनक है लेकिन विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट की चिंताजनक स्थिति को भी दर्शाता है।यूनिवर्सिटी ने पार्ट थर्ड का रिजल्ट यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर अपलोड किया। केकेएम कॉलेज जमुई के कला संकाय के इतिहास होंर्स के एक छात्र दिलीप कुमार साह ने जब अपना रिजल्ट चेक किया तो उसे पेपर 5 में कुल 100 में से 555 अंक यूनिवर्सिटी द्वारा दिया गया है। दिलीप कुमार साह का परीक्षा क्रमांक 1180473 है। जिसने अपना रिजल्ट बार-बार चेक किया पर प्राप्तांक देखकर हैरान ही रह गया। स्नातक की तीनों पाठ को मिलाकर छात्र को 800 की जगह 868 अंक मिले हैं। इस संबंध में उसने अपने कॉलेज और फिर यूनिवर्सिटी से संपर्क किया। सभी इस रिजल्ट को देखकर हैरान रह गए।

तकनीकी गलती का नाम देकर की जा रही बचने की कोसिस इस संबंध में जब यूनिवर्सिटी से संपर्क किया गया तो पता चला कि रिजल्ट के प्रकाशन में बार-बार तकनीकी परेशानियां पहले से ही आ रही थी। इस वजह से दो बार रिजल्ट प्रकाशन की तिथि भी बदली गई है। इसके बावजूद इस तरह की गलती सामने आ रही है। हालांकि रिजल्ट जारी होने में परीक्षा नियंत्रक ,कुलपति प्रति कुलपति सबकी जिम्मेदारी व भागीदारी रहती है। इसके बावजूद इस तरह की गलती का हो ना काफी चिंतनीय है। रिजल्ट से संबंधित व्यक्तियों का एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चालू हो चुका है। सभी एक दूसरे से पूछताछ की बात के साथ गलती को सुधार लेने की बात भी कर रहे हैं। लेकिन जब शिक्षा व्यवस्था के आधारभूत समस्याओं को दूर नहीं किया जा सके और गलती को तकनीकी फाल्ट का नाम देकर इससे बचने की कोशिश की जाए तो ऐसे में कहां जाएगा बिहार का शिक्षा में भविष्य ।इस तरह की गलतियां केवल छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने से ही है।