बिहार में अब मेडिकल माफियाओं की खैर नहीं, स्पीकर ने लिया संज्ञान-प्रमाण मिलने पर होगी कार्रवाई

न्यूज डेस्क : कोरोनाकाल के दूसरे वेव के संक्रमण काल में जैसे जैसे कोरोना पीक पकड़ता गया। वैसे ही बिहार के हर जिले में अस्पतालों-डॉक्टरों और दवा माफियाओं का क्रुर चेहरा सामने आया है। अस्पताल प्रबंधन सरकार के आदेश को भी नहीं मान रहे। इन माफियाओं पर कार्रवाई करने में सरकार और उनके पदाधिकारी अक्षम साबित हो रहे है। स्वास्थ्य व्यवस्था में आयी इस नैतिक गिरावट में शीघ्रता से सुधार के लिये प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को कमर कस कर आगे आना चाहिए। इस पर एक दीर्घकालिक नीति बना कर अमल भी करना होगा ।

कोरोनाकाल में बेगूसराय में भी लगी मानवता की बोली बेगूसराय में भी हाल के विगत कुछ सालों में हॉस्पिटल का सिंडिकेट खूब सक्रिय हुआ है। कई ऐसे लोगों का एक नेटवर्क भी जिला भर में फैला हुआ है कि बिना रजिस्ट्रेशन और नियम कानून को ताक पर रखकर झूठी इलाज के नाम पर मोटी कमाई करते हैं। जिले में कई निजी अस्पतालों में प्रबंधन का मनमाना रवैया हो या आपदा में अवसर स्वरूप मरीजों व उनके परिजनों से भयादोहन किये जाने की बात खूब सामने आई। लगातार बेगूसराय में कई ऐसे मामले आये जब मानवता को शमर्सार करने से अस्पताल के लोग नहीं चूके । हालांकि इस कोरोनाकाल में भी बेगूसराय के गिने चुने कई चिकित्सक और अस्पताल हैं जो लगातार मानवता की सेवा धरती के भगवान स्वरूप कर रहे है।

स्पीकर ने कहा कारवाई होगी बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने सभी विधायकों से आह्वान करते हुए कहा है कि इस विपदा में मौत के सौदागरों के खिलाफ प्रमाण के साथ शिकायत करें। जहां जहां विधायक विधानसभा में शिकायत करेंगे तो जांच के बाद वैसे मौते के सौदागरों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर खुद सरकार से अनुशंसा करेंगे। स्पीकर ने कहा कि समय रहते मौत के सौदागरों की पहचान कर उन्हें कठोर दंड देना होगा।