बेगूसराय के छौड़ाही में आवश्यक वस्तुओं की हो रही कमी, ज्यादा कीमत वसूल रहे दुकानदार

न्यूज डेस्क : कोरोना महामारी के तीव्र विस्तार को देखते हुए इलाके में लॉकडाउन लगा हुआ है। लॉकडाउन के आदेश के अनुपालन को दवा, खाद्य पदार्थ, सब्जी आदि की दुकानों को निर्धारित समय तक खोलने की छूट को छोड़ सभी तरह की दुकान प्रशासन ने बंद करवा दिया है। कोरोना प्रभावित गांवों की सड़कें भी सील कर दी गई हैं। जो, आम लोगों की जानमाल की हिफाजत के लिए अति आवश्यक है। लोग इसका पालना भी कर रहे हैं।

लेकिन कफन में भी जेब का जुगाड़ कर लेने वाले जमाखोरों, कालाबाजारी मानव जाति पर आए इस सबसे बड़े संकट के समय भी पैसा बनाने की जुगत में लग गए हैं। अवैध रुपए अर्जित करने के कोई मौके वह छोड़ नहीं रहे हैं। जिससे आम लोगों को आवश्यक वस्तुओं की ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है। वहीं आम लोगों के जीवन के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है। हालांकि प्रशासन सभी मामलों पर कड़ी नजर रखते हुए सभी व्यवस्था को जल्द दुरुस्त कर लेने का दावा कर रहा है।

वसूल रहे सामान का मनमाना दाम : गांव से शहर तक दवा दूध सब्जियों और खाद्य पदार्थ की दुकान को छोड़ सभी तरह के दुकानें बंद हैं। चाय पान की दुकान तक का शटर डाउन है। बेगूसराय के छौड़ाही में हमारे सहयोगी ने वहां के स्थानीय से लोगों से बात चीत की , सुभाष कुमार, पंकज दास, शंभू पासवान बताते हैं कि हमलोग घरों में समय व्यतीत कर कोरोनावायरस से बचने हेतु भगवान की प्रार्थना कर रहे हैं। लेकिन, भूखे पेट भजन न होय गोपाला। जब पेट भरने को बिस्किट मेगी आटा दाल चावल चीनी चायपत्ती आदि लेने दुकान जाते हैं तो, सभी चीजों का दाम ज्यादा चुकाना पड़ रहा है। दुकानदार कहते हैं कि मुख्य बाजारों से आवश्यक वस्तु गांव देहात तक नहीं पहुंच पा रही है। जिसका फायदा जमाखोरों व कालाबाजारी उठा रहे हैं।

दाम आसमान पर : साधारण और सर्जिकल मास्क 20 से 35 रुपये में, छोटा हैंडवॉश 40 से 50 रुपये में, पांच रुपये बाला बिस्कुट सात रुपये में, मैगी सात रुपये में, 100 ग्राम वाली चायपत्ती 51 रुपये में, चीनी रुपये 55 रुपये में मिल रहा है। इसके अलावे आटा, दाल ,चावल के दाम में भी बढ़ोत्तरी दुकानदारों ने कर रखी है।

सक्रिय हुए झोलाछाप डॉक्टर : इस विकट परिस्थिति में झोलाछाप डॉक्टर भी गांव गांव में सक्रिय हो गए हैं। यह आम सर्दी, जुकाम, बुखार से पीड़ित लोगों को कोरोना का भय दिखा दवा का मनमाना दाम वसूल रहे हैं। इन झोलाछाप डॉक्टरों के कई घरों में जा लगातार लोगों से संपर्क में रहने के कारण कोरोना वायरस के फैलने की भी संभावना लोग जता रहे हैं। क्योंकि पीड़ित ज्यादा लोगों में परदेश से आए लोग शामिल हैं। मोहम्मद दानिश आलम, देवेंद्र सिंह, श्रवण कुमार यादव आदि लोगों ने प्रशासन से इलाके के दवा ,खाद्य व किरान सामान की दुकान पर कर्मचारियों को तैनात कर उचित मुल्य में सामानों को आम लोगों तक उपलब्ध करवाने की मांग की है।

सरकारी कर्मी भी पीछे नहीं : नेपाल, नोएडा, बैंगलोर, गोवा, दिल्ली, केरल, कोलकाता आदि जगहों से विगत 15 दिन में प्रखंड के सैकड़ों लोग अपने गांव आए हैं। जिनका कोरोना संक्रमण जांच किया जा रहा है। लेकिन, पीएचसी छौड़ाही में मंगलवार को एक भी सेनिटाइजर, हैंडवॉश, मास्क उपलब्ध नहीं था। अस्पताल आ रहे संदिग्ध मरीज बिना हाथ साफ किए व बिना मास्क के इलाज कराने को मजबूर हैं। जबकि प्रशासन प्रयाप्त सामाग्री होने की बात कह रही है। सुषमा देवी, सुमित्रा देवी, नवल कुमार कहते हैं कि सेनिटाइजर नहीं रहने एवं मास्क देने को कहे तो उन्होंने कहा यह शहर नहीं गांव का अस्पताल है। यह सब बाहर दुकान में मिलता है वही जा कर लीजिए।