Shravani Mela Deoghar 2023 : बाबा धाम जाने वाले भक्त रखें इन बातों का ध्यान, मिलेगा पूरा लाभ

सावन महीना के आते ही लाखों की तादाद में भक्त भागलपुर के सुल्तानगंज से गंगा जल लेकर कांवर यात्रा शुरू करते हैं और बोल बम बोल बम करते हुए देवघर जाते हैं जहां भोले बाबा का दर्शन करते हैं

Shravani Mela 2023  : हर भोले भक्त को सावन के महिने का इंतजार रहता है। सावन का महीना आते ही बाबा भोले का भक्त भागलपुर के सुल्तानगंज से गंगा जल उठाकर वहां से 170 किलोमीटर का कांवर यात्रा कर देवघर स्थित बाबा भोले का दर्शन करने जाते हैं और फिर वहां बाबा का जलाभिषेक करते हैं।

जल लेने के बाद रखें इन बातों का ध्यान

सुल्तानगंज के उत्तरवाहिनी गंगा से जल कांवर में भरकर देवघर तक की यात्रा में उसमे पवित्रता कायम करने के लिए कांवर यात्रियों को बहुत से नियमों को ध्यान में रखना होता है। भक्त उस नियम को श्रद्धा पूर्वक पालन करते हैं। स्कंद पुराण में यह लिखा गया है कि जोर स्त्री पुरुष कंधे पर कांवड़ लेकर बाबा के दरबार तक का यात्रा करते हैं उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है।

इसी खास वजह को ध्यान में रखते हुए लाखों भक्त हर वर्ष कांवड़ कंधे पर रखकर 1000 किलोमीटर से अधिक का यात्रा करती हैं और बाबा का जलाभिषेक करते हैं। बाबा के दरबार से वापसी के दौरान सभी यात्री बम बम बोलते हैं और उस रास्ते में बोल बम बोल बम का उच्चारण करते हैं।

बोल बम बोल बम क्यों बोलते हैं यात्री?

आख़िर भक्त क्यों बोलते हैं बोल बम बिल बम, इसके पीछे का एक कारण जिसके वजह से भक्त बोल बम का उच्चारण करते हैं। ज्योतिषाचार्य श्रृंगारी के अनुसार जब राजा दक्ष के यज्ञ के दौरान माता सती ने अपना शरीर त्याग दिया था तो भगवान भोले ने उसी वक्त उनका गर्दन काट दिया था।

फिर उसके बाद जब उन्हे जीवित करना था तो उन्होंने उसके लिए उन्हे बकरे का मुंह लगा दिया जिसके बाद दक्ष ने भोले बाबा को उस बकरे वाले आवाज में बोला तो उस आवाज को सुनकर भगवान शंकर बहुत प्रश्न हुए। राजा दक्ष के घमंड को चूर-चूर करने वाले भगवान शंकर उनके उस बकरे वाले आवाज़ से बहुत प्रश्न हुए जिसे बाद से लोग बम बम बोल बम का उच्चारण कर भोले बाबा को खुश करते हैं। यही वजह है की सावन के महिना के आते ही सुल्तानगंज से लेकर देवघर तक बम-बम का गूंज रहता है।