बिहार के ‘ सुखेत मॉडल ‘ की प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में की तारीफ , जानें इस मॉडल में कैसे होती है कचरे से कमाई

न्यूज डेस्क : रविवार को मधुबनी जिले के झंझारपुर अनुमंडल के अंतर्गत सुखेत गांव में आरंभ हुई कचरे से कमाई योजना की तारीफ प्रधानमंत्री मोदी ने की। पीएम मोदी के द्वारा मन की बात कार्यक्रम में ‘सुखेत मॉडल’ का चर्चा करने के साथ ही कचरे से कमाई योजना की काफी सराहना भी की गई । मालूम हो कि झंझारपुर अनुमंडल में आने वाले सुखेत गांव के लोगों को कचरे (Garbage) के बदले न केवल घरेलू गैस सिलेंडर निःशुल्क मिल रही है, बल्कि खेती करने हेतु जैविक खाद सामग्री की आवश्यकता भी आराम से पूरी हो जाती हैं और यह सब इस कचरे के कमाई योजना से मुमकिन हो पाया है।

इसी वर्ष के फरवरी माह में डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि के कुलपति डॉ रमेश चन्द्र श्रीवास्तव के द्वारा कचरे से कमाई योजना की शुभारंभ करते हुए सुखेत गांव को एक शानदार तोहफा दिया गया था। इस सहरोह के बीच कुलपति रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया था कि कचरे की कमाई योजना के अंतर्गत इस गांव के प्रत्येक घर में गीला और सूखा कूड़ा दोनों को ही अलग से रखने हेतु गिला के लिए हरा और सूखा कचरा के लिए नारंगी रंग का कूड़ेदान दिया गया है, इस कूड़ेदान में कचरा जमा होने उपरांत यूनिवर्सिटी की तरफ से हर घर में जाकर जमा किया गया कचरा लाया जाता है। और पूरे कचरे को वर्मी कम्पोस्ट बनाकर उसे बेच दी जा रही है।

आपको बतादें कि इस बेहद उम्दा योजना से सुखेत गांव के करीब 15 ग्रामीणों को रोजगार भी प्राप्त हुआ है, इसके साथ ही गांव में घर के कूड़े के देने के बदले ग्रामीणों को 2 माह पर एक गैस सिलिंडर दिया जाता है। इसकी खास बात तो यह है कि एपीजी गैस पर सब्सिडी भी लोगों के बैंक खाते में ही जायेगी। स्वास्थ्य के हिसाब से भी यह योजना बहुत लाभदायक साबित हुआ है, क्योंकि अच्छे तरीके से कचरा को कूड़ेदान जमा करने से गांव में काफी साफ-सफाई रहती है। प्रधानमंत्री मोदी के मन बात कार्यक्रम में ‘सुखैत मॉडल’ का चर्चा करने पर सुखेत के ग्रामीणों सहित पूरे बिहार खुशी महसूस कर रहा है।