देश का एक ऐसा रेलवे स्टेशन जो दो राज्यों में है फैला, एक प्लेटफॉर्म बिहार में तो दूसरा है झारखंड में

न्यूज डेस्क: भारतीय रेलवे का इतिहास काफी पुराना है। रेलवे की कई ऐसी रोचक बातें हैं। जिनके बारे में कम ही लोगों को जानकारी है। क्या आप जानते हैं कि देश में एक ऐसा रेलवे स्टेशन भी है। जो दो राज्यों की सीमा पर स्थित है। जी हां आपने बिल्कुल सही सुना है। एक रेलवे स्टेशन ऐसा भी है जो बिहार और झारखंड दोनों राज्यों को विभाजित करता है। तो चलिए जानते हैं कहां है वो रेलवे स्टेशन और क्या रोचक तथ्य इस स्टेशन के बारे में

अप लाइन झारखंड में है और डाउन लाइन बिहार में बता दे की बिहार के गया जंक्शन से झारखंड के कोडरमा में आने के दौरान गुरपा स्टेशन पार करते ही करीब दो-तीन किलोमीटर की दूरी के अंतराल पर इन्हीं पहाड़ों के बीच से अंतिम सुरंग पार करते ही आता है एक छोटा सा रेलवे स्टेशन दिलवा। यही स्टेशन दोनों राज्य को अलग करता है। इस स्टेशन की स्थिति बड़ी अजीबोगरीब है। यहां से गुजरनेवाली ग्रैंड कार्ड रेलवे लाइन दो राज्यों की सीमा में है। स्टेशन पर अप लाइन और अप लूप लाइन झारखंड की सीमा में है। जबकि डाउन लाइन और डाउन लूप लाइन बिहार राज्य की सीमा में। सबसे अजीब बात यह भी है की डाउन लाइन के बगल में को स्टेशन का भवन है वह भी बिहार में ही पड़ता है। और दोनों राज्यों की सीमा का बोर्ड भी लगा है। इसमें तीर के निशान से एक तरफ झारखंड और दूसरी तरफ बिहार की सीमा दर्शाई गई है।

जानिए, इस स्टेशन का इतिहास: बताते चले की यह रेलवे स्टेशन नवादा जिलांतर्गत रजौली थाना की सीमा को भी छूता है। वहीं दूसरी तरफ यह स्टेशन झारखंड के कोडरमा जिलांतर्गत चंदवारा की थाना की सीमा को छूता है। अगर यह रेलवे स्टेशन की बात करें तो यह स्टेशन के करीब 600 मीटर की दूरी पर ऊंची पहाड़ी को काटकर ब्रिटिश शासन काल के दौरान ही यह सुरंग बना था। सुरंग में से केवल दो लाइन गुजरती है। यहां अप लाइन झारखंड की सीमा में और डाउनलाइन बिहार की सीमा में है। लेकिन, सुरंग को पार करते ही बिहार के गया जिला की सीमा शुरू हो जाती है। दिलवा स्टेशन से 3.89 किमी की दूरी पर नाथगंज हाल्ट बिहार के गया जिला में पड़ता है।

सीमा के चलते कई बार विवाद भी हो जाता है: दिलवा के स्टेशन मास्टर प्रवीण कुमार बताते हैं, राज्यों की सीमा पर होने के कारण किसी तरह की घटना होने पर दोनों राज्यों की पुलिस पहुंच जाती है। और कहीं-कहीं सीमा का निर्धारण एक चुनौती बन जाती है। फिलहाल यहां स्टेशन के बगल में ही कोडरमा तिलैया रेलवे लाइन का कार्य चल रहा है। जिसकी ब्लास्टिंग के कारण पत्थर के टुकड़े स्टेशन भवन पर आकर गिरते हैं।