अब सभी को लगाना पड़ेगा “स्मार्ट प्रीपेड मीटर”, हटाए जाएँगे पुराने मीटर, सबकुछ मोबाइल से ही होगा कंट्रोल

न्यूज डेस्क : बिजली की समस्या से हम सभी अच्छी तरह से वाकिफ है। देश में रहनें वाले नागरिको के साथ-साथ बिजली विभाग भी अनेक प्रकार की समस्याओं से ग्रसित है। जिसमें मुख्य रूप से बिजली की चोरी और कुछ नागरिको द्वारा समय पर बिल का भुगतान न किया जाना है। खासकर लोगों को बिजली भुगतान करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कभी-कभी तो ऐसा भी हो जाता है बिना बिजली लिए ही घर में लाखों को बिल पहुंच जाता है।

कभी-कभी लाखों बिल होने के बावजूद हम जमा नहीं कर पाते हैं। इन्हीं समस्याओं को देखते हुए सरकार ने ” प्रीपेड स्मार्ट मीटर” लगाने की घोषणा की है। आनेवाले दिनों में हर घर में पुराने मीटर को हटाकर यही स्मार्ट मीटर लगाया जाएगा। केंद्र सरकार ने इसके लिए वर्ष 2022 तक का लक्ष्य रखा है। बात दे की” प्रीपेड स्मार्ट मीटर” लग जाने से ये होगा कि आप अपनी जरूरत के मुताबिक रिचार्ज करवाएंगे और फिर उसका इस्तेमाल करेंगे। खत्म होने से पहले आप फिर से यूनिट और वैलिडिटी का रिचार्ज करा लेंगे और आपकी बिजली कंटीन्यू रहेगी।

जानिए, क्या है प्रीपेड स्मार्ट मीटर? आपको बता दे की बिजली की खपत मापने के लिए घरों में जो मीटर लगे हुए हैं। उन्हीं की तरह “Prepaid Smart Meter” भी है। लेकिन बड़ा फर्क यही है कि पुराने मीटर में पैसे बाद में देने होते थे। लेकिन, इसमें आपको पहले रिचार्ज करना पड़ेगा यानी कि पैसे पहले देने होंगे। इसमें एक ऐसी डिवाइस लगी होती है। जो मोबाइल टावर्स से बिजली कंपनियों में लगने वाले रिसीवर तक सिग्नल पहुंचाता है। जिससे बिजली कंपनियां अपने दफ्तर से मीटर की रीडिंग और निगरानी कर सकती हैं।

जितना का रिचार्ज उतने की बिजली: बता दे की अब बिजली उपभोक्ताओं को बिजली बिल भरने से छुटकारा मिलेगा। पहले ग्राहक बिल भरने के लिए बिजली ऑफिस या तो ऑनलाइन साइबर का चक्कर लगाना पड़ता था। लेकिन अब उन समस्याओं से निजात मिलेगी। “प्रीपेड स्मार्ट मीटर” लगते ही ग्राहक जितना का रिचार्ज करेंगे उतना का ही बिजली मिलेगा। रिचार्ज के मुताबिक, 24 घंटे बिजली दिए जाने का दावा किया जा रहा है।

बिजली सस्ती भी मिलेगी और चोरी भी रुकेगी: बता दे की बिहार में नॉर्थ और साउथ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों ने एनर्जी एफिशियंसी सर्विसेज लिमिटेड (EESL) से प्रीपेड मीटर लगाए जाने को लेकर करार किया है। इस मीटर के जरिये बिजली चोरी पर लगाम लगेगी। एक Example से ऐसे समझिए ​कि बिहार के बेगूसराय जिला के मंझौल में स्मार्ट मीटर लगने से पहले कंपनी को 22 लाख का राजस्व आता था। लेकिन अब उतने ही उपभोक्ताओं से 97 लाख के राजस्व की वसूली हुई है। ऐसे में कहा जा रहा है कि पूरे बिहार में स्मार्ट मीटर लग जाए तो बिजली कंपनियों को मुनाफा होगा और भविष्य में लोगों को सस्ती दर पर बिजली मुहैया कराई जाएगी।