नीतीश सरकार का बड़ा फैसला: कोई भी मंत्री “लॉक डाउन” के दौरान नहीं करेंगे अपने क्षेत्रों का भ्रमण

डेस्क : बिहार में कोरोना संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए पुरे राज्य मे लॉकडाउन लगा दिया गया है। ताकि, कोई भी व्यक्ति बेवजह घर से बाहर ना निकले। और कोरोना गाइडलाइंस का पालन करें। लेकिन, इसी बीच बिहार सरकार ने मंत्रियों के हित में बहुत बड़ा फैसला लिया है।

ऐसा माना जा रहा है, की लॉक डाउन के दौरान बिहार सरकार के कुछ मंत्री विभिन्न सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और अन्य कार्योंं के साथ भ्रमण करते दिख रहे हैं। इसी संबंध में मंत्रियों के निर्वाचन क्षेत्र प्रभार के जिलों में परिभ्रमण की सूचनाओं पर बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। इसमें निर्देश दिया गया है मंत्री कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए ऐसा न करें।

समीक्षा हेतु वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का विकल्प लिया जा सकता है: पत्र में लिखा गया है कि बिहार कोरोना वायरस की वजह से महामारी की दूसरी लहर के प्रभाव में है। राज्य सरकार ने महामारी के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं। इसमें कहा गया कि लॉक डाउन की अवधि में बेवजह बाहर न निकलें। इसमें कहा गया है कि मंत्रीगण की ओर से प्रतिबंधों की अवधि में जिलों का परिभ्रमण करने से आम जनता के ऊपर इन प्रतिबंधों का अनुपालन मजबूती से किए जाने पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

पत्र में सचिवों को ये निर्देश दिया गया है कि वे प्रतिबंध की अवधि के दौरान राज्य सरकार की ओर से संचालित योजनाओं या कोरोना महामारी के हालात की जानकारी प्राप्त करने हेतु निर्वाचन क्षेत्र या अपने प्रभार के जिलों में न जाएं। मंत्री को अगर किसी भी प्रकार की समीक्षा की आवश्यकता होने पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का विकल्प विकल्प लिया जा सकता है। पत्र में कहा गया है कि अगर इसी बीच मंत्रियों का आवागमन बढ़ता गया तो लोग भी इस दौरान बाहर निकल सकते हैं। इसका लॉक डाउन पर बुरा असर पड़ सकता है। इस निर्देश के बाद उम्मीद है कि मंत्रियों का दौरे पर निकलना बंद हो जाए।