Land Registry : अब जमीन की रजिस्ट्री करवाना हुआ आसान, नई व्यवस्था के लिए आदेश जारी…

Land Registry : देश में राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर कई योजनाओं का संचालन किया जाता है, जिससे देश का विकास हो सके। इसके साथ ही जनता को भी हर काम का लाभ मिल सके और हर योजना का फायदा मिल सके।

इसी के साथ अब राज्य सरकारों ने विकास योजनाएं शुरू करते हुए हर गांव-शहर में जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया को आसान कर दिया है। आपको इसके लिए बार-बार विभागों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे और ज्यादा परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग ने जमीन रजिस्ट्री से संबंधित नए आदेश जारी कर दिए है।

इस बारे में विशेष सचिव स्टांप एंव रजिस्ट्रेशन विभाग रवीश गुप्ता ने आदेश जारी करते हुए बताया है कि अब राज्य सरकार से जमीन खरीदने या राज्य सरकार के पक्ष में दान या लीज के रूप में दी गई भूमि की रजिस्ट्री करवाने की प्रक्रिया का सरलीकरण कर दिया गया है।

पहले की व्यवस्था में अब काफी बदलाव हो चुका है। जमीन रजिस्ट्री की नई व्यवस्था के अंतर्गत अब सरकारी विभागों के पक्ष में होने वाले सभी हस्तारण, पट्टा विलेख एवं दान के लिए बार-बार विधायी विभाग स्वागत राय नहीं ली जाएगी। अब नए नियमों के अनुसार न्याय विभाग के शासकीय हस्तातरण द्वारा विधिक परीक्षण करवाया जायेगा।

अब विभागों को जो मानक प्रारूप भेजे गए हैं उन्हें केवल सूचना ही भरी जाएगी, जिसमें पक्षकारों एवं उनकी संपत्ति से संबंधित व अन्य जरूरी जानकारी शामिल होगी। किसी प्रकार शर्तो और नियमों को कम या ज्यादा नहीं किया जायेगा।

अगर किसी मानक या संलग्न प्रारूप अपने कार्य व प्रकरण विशेष के लिए अपर्याप्त या विसंगति होने पर विभाग की तरफ से इसका विधिक परीक्षण किया जाएगा। ऐसी स्थिति में अगर किसी भूमि के एक से अधिक पट्टे या रजिस्ट्री है तो विभाग इसकी सूचना स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन को दी देगा।

प्रशासकीय विभाग के सचिव, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव या उनके द्वारा नियमानुसार बनाया गया अधिकारी क्रेता दानग्रहित के रूप में राज्यपाल की ओर से या पद के अधिकार से रजिस्ट्री पर सिग्नेचर करेंगे। इसके बाद प्रशासकीय विभाग द्वारा किसी एक अधिकारी से संबंधित रजिस्ट्री स्टांप विभाग के उपनिबंधक के सामने प्रस्तुत करने के लिए अधिकृत किया जायेगा।

अब उपनिबंधक ये पत्र जारी करेगा कि संबंधित रजिस्ट्री पर राज्यपाल की ओर से एंव पद के अधिकार से हस्ताक्षर किए गए है। इसके बाद निष्पादक अधिकारी को उपनिबंधक कार्यालय में उपस्थिति से मुक्त किया जायेगा।

Exit mobile version