Bihar FLood : नेपाल ने फिर छोड़ा 2.5 लाख क्यूसेक पानी, गंडक और बागमती का फिर बढ़ने लगा जलस्तर

न्यूज डेस्क : बिहार इन दिनों बाढ़ की मार झेल रहा है। यह कोई नई बात नहीं है कि बिहार में बाढ़ आ गया। हर साल कोशी और सीमांचल क्षेत्रों में बाढ़ का कहर देखने को मिलता है। लेकिन, इस वर्ष मौसम की सक्रियता से लगातार हो रही बारिश से विभिन्न नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। जिससे विभिन्न जिले में बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो गई है। ख़ासकर, मुजफ्फरपुर से गुजरने वाली गंडक और बागमती नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में पानी का दबाव बढ़ना शुरू हो गया है। जानकारी के मुताबिक, वाल्मीकि नगर स्थित गंडक बराज से सोमवार की सुबह में 1,22,000 और दोपहर 1,36,000 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज यानी छोरा गया। वही जल संसाधन विभाग ने मंगलवार से बागमती व गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि को लेकर अलर्ट जारी किया है।

बिहार की ये नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है: बताते चले की मुजफ्फरपुर जिले से गुजरने वाली तीन प्रमुख नदियों के जलस्तर में कमी आने के बाद भी लखनदेई और मनुषमारा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से औराई प्रखंड में परेशानी बढ़ गयी है। हालांकि, बूढ़ी गंडक के जलस्तर में 10 सेंटीमीटर (Cm) की कमी हुई है। विभाग से मिली रिपोर्ट के अनुसार, गंडक नदी का जलस्तर रेवा घाट में खतरे के निशान 54.41 से नीचे 53.85 मीटर, बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर शहर के सिकंदरपुर में खतरे के निशान 52.53 से नीचे 51.76 और बागमती नदी का जलस्तर कटौझा में खतरे के निशान 55.23 से नीचे 54.05 मीटर व बेनीबाद में खतरे के निशान 48.68 से ऊपर 48.99 पर है।