न्यूज डेस्क : बिहार में बालू के अवैध खनन में अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई हुई है। सरकार ने कई विभाग के बड़े अधिकारियों को सीधा सस्पेंड कर दिया है। जिससे बिहार के प्रशासनिक महकमा में खलबली मचा हुआ। इस कड़ी में बालू के अवैध खनन में संलिप्त पाए जाने के बाद फील्ड से हटाए गए अफसरों पर गाज गिरने लगी है। सबसे बड़ी कार्रवाई जो हुई है वह भोजपुर और औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी के साथ डेहरी ऑन सोन के तत्कालीन एसडीओ और एसडीपीओ पर हुई है, इनको निलंबित कर दिया गया है। वहीं, औरंगाबाद सदर, भोजपुर और पालीगंज के तत्कालीन एसडीपीओ पर भी गाज गिर गया है। खनन विभाग के सात, राजस्व विभाग के तीन व परिवहन विभाग के एक अधिकारी पर भी अवैध बालू खनन में बड़ी कार्रवाई हुई है।
दो एसपी सुधीर पोरिका और राकेश दूबे हुए निलंबित : बिहार सरकार के गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक ईओयू की जांच रिपोर्ट के आधार पर औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी सुधीर कुमार पोरिका और भोजपुर के एसपी राकेश कुमार दूबे को निलंबित किया गया है। इन अधिकारियों पर अवैध खनन, भंडारण और परिवहन में दायित्वों का निर्वहन नहीं करने, इसमें शामिल लोगों को मदद पहुंचाने व खुद इसमें संलिप्त रहने का गंभीर आरोप लगा है । रिपोर्ट में जो बात सामने आई है उसमें कहा गया कि इनके द्वारा अधीनस्थ पदाधिकारियों पर प्रभावी नियंत्रण भी नहीं रखा गया। इससे पहले भारतीय पुलिस सेवा के इन दोनों अधिकारियों को एसपी के पद से हटाते हुए पुलिस मुख्यालय में अटैच किया गया था। निलंबन के साथ ही इनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही के भी आदेश दिए गए हैं। निलंबन अवधि में सुधीर कुमार पोरिका और राकेश कुमार दूबे का मुख्यालय रेंज आईजी, पटना के कार्यालय में निर्धारित किया गया है।
एसडीपीओ और खनन विभाग के अधिकारियों के अधिकारियों पर भी गिरी गाज : इस बड़ी कार्रवाई में बिहार प्रशासनिक और बिहार पुलिस सेवा के पांच अधिकारी भी नपे हैं। डेहरी-ऑन-सोन के तत्कालीन एसडीओ सुनील कुमार सिंह और एसडीपीओ रहे संजय कुमार के साथ भोजपुर के तत्कालीन अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी पंकज कुमार राउत, औरंगाबाद सदर के तत्कालीन एसडीपीओ अनूप कुमार और पालीगंज के एसडीपीओ रहे तनवीर अहमद को भी निलंबित किया गया है। अवैध खनन के मामले में खान एवं भूतत्व विभाग के पांच पदाधिकारियों को भी निलंबित कर दिया गया है।