इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ फोटोग्राफी मे बनाया अपना कैरियर और आज किसी पहचान के मोहताज नहीं

डेस्क : आज हम आपको एक ऐसे शख्स से रूबरू करवाने जा रहे है. जो कि वर्तमान युवाओं के लिए एक प्रेरणा है ! शायद आप लोगों ने आमिर खान की फिल्म 3 ईडियट (3 Idiots) जरुर देखा होगा. उसमें फरहान कुरैशी नाम का एक युवक फोटोग्राफर बनना चाहता था. लेकिन उसके पिता उसे इंजीनियर बनाना चाहते थे. लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी आखिरकार इंजीनियर की पढ़ाई के साथ-साथ एक बेस्ट फोटोग्राफर बन ही गए.

कुछ इसी प्रकार बिहार के एक युवक ने अपना किरदार निभाया है. हम बात कर रहे हैं नालंदा जिले के हिलसा के रहने वाले 22 वर्षीय सौरभ अनुराग की.. जो भेलौर मे रहकर बीआईटी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करता था. कॉलेज लाइफ में पढ़ाई के साथ-साथ फोटोग्राफी भी करता था. जब बीआईटी के समारोह में उसने कुुछ फोटोग्राफी की तो पूरे कॉलेज में उसकी फोटोग्राफी की चर्चा होने लगी. खासकर कॉलेज के प्राचार्य ने उसकेेे इस प्रतिभा को पहचाना और आगे फोटोग्राफर बननेे की सलाह दी. उसी वक्त सौरभ अनुराग ने अपने मन में ठान लिया कि आगे हमे बेस्ट फोटोग्राफर बनना है.

उसी वक्त उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ कर 2011 मे दिल्ली के मया एकेडमिक ऑफ एडवांस सिनेमैटिक्स नामक संस्था मेंं दाखिला लिया. वहांं से उसने डिजिटल फिल्म मेकिंग की डिग्री हासिल कर और आज फोटोग्राफी के क्षेत्र में बेहतर नाम कमा रहे हैं. सौरभ दिल्ली में सीओ एनीमेशन अवार्ड 2012 में ऑफिशियल फोटोग्राफर के रूप में भी कार्य कर चुके हैं. सौरभ अनुराग वेडिंग(Wedding) और कैंडिड के फोटोग्राफी में बिहार के इकलौते फोटोग्राफर हैं. उसकी फोटोग्राफी की चर्चा विदेशों तक पहुंच गई है. यहां तक कि उसे नेशनल जियोग्राफी ने अपने यहां काम करने का ऑफर दिया है.

लेकिन सौरभ अनुराग बिहार के अलावा कहीं भी नहीं जानाा चाहते है. सौरव अनुराग ने बताया वर्तमान में बिहार में फोटोग्राफी के क्षेत्र में कुछ भी नहीं हुआ है. हम चाहते हैं कि वेडिंग(Wedding) फोटोग्राफी से लेकर कैंडिड फोटोग्राफी तक काम किया जाए. अनुराग बताते हैं कि सिर्फ इंजीनियरिंग क्षेत्र में ही कैरियर नहीं है. विद्यार्थियों केेेे लिए फोटोग्राफी भी एक अच्छा कैरियर बन सकता है।