Bihar में मिल गया सोना का बड़ा भंडार, जल्द बदलेगी राज्य की सूरत, देख लीजिए फोटो..

बिहार के जमुई जिले के सोनो क्षेत्र में 37.6 टन धातु युक्त अयस्क सहित 223 मिलियन टन स्वर्ण धातु उपलब्ध हुआ है. यह पूरे देश का लगभग 44 फीसदी है. कहा यह जा रहा है कि अगर सोना निकलना शुरू हो गया तो फिर बिहार का भाग्य बदल जाएगा. इसके साथ ही नालंदा के सोन दरवाजा की भी चर्चा अब जोर पकड़ चुकी है. माना यह जाता है कि इस दरवाजे के पीछे गुफा में सैकड़ों वर्ष से सोने का खजाना छुपा है.

दरअसल, भारत में कई ऐसे रहस्यमय स्थान भी हैं जो विज्ञान के लिए आज भी पहेली बने हुए हैं. इन पहेलियों में से एक है बिहार के नालंदा जिले का ‘सोन भंडार’. राजगीर स्थित इस सोन भंडार के बारे में ये कहा जाता है कि हर्यक वंश के संस्थापक बिम्बिसार की पत्नी ने इस भंडार में अपना सोना छिपाया था, जो अब तक भी लोगों की नजरों से ओझल है. आज तक भी कोई इस खजाने तक नहीं पहुंच पाया है.

इतिहासकारों के अनुसार हर्यक वंश के संस्थापक बिम्बिसार को सोने-चांदी से बेहद ही लगाव था. बताया ये जाता है कि बिहार की इस गुफा में हर्यंक वंश का खजाना छिपाकर रखा गया है. अंग्रेजों ने एक समय इसके भीतर जाने की एक बार कोशिश भी की थी, लेकिन तब वे इसमें सफल नहीं हो पाये थे. इतिहासकारों के मुताबिक, इसका निर्माण हर्यक वंश के संस्थापक बिम्बिसार की पत्नी ने करवाया था. इस सोन भंडार को देखने व जानने के लिए आज भी पूरे विश्वभर से पर्यटक आते ही रहते हैं, लेकिन सभी अनसुलझी रहस्मयी कहानी सुनकर आश्चर्यचकित हो वापस लौट जाते हैं.

इतिहासकार ये बताते हैं कि हर्यक वंश के संस्थापक बिम्बिसार को सोने-चांदी से बेहद लगाव था. वह सोना और इस पीली धातु से बने आभूषणों को इकठ्ठा भी करते रहते थे. उनकी कई रानियां भी थीं, जिनमें एक रानी बिम्बिसार की पसंद का पूरा ध्यान भी रखती थीं. कहा ये जाता है कि जब अजातशत्रु ने अपने पिता को बंदी बना लिया और कारागार में डाल दिया था, तब बिम्बिसार की पत्नी ने राजगीर में यह सोन भंडार भी बनवाया था. इस गुफा में राजा द्वारा इकठ्ठा किए गए सभी खजानों को छिपा भी दिया गया था.