बिहार में प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए सरकार देगी 3 लाख, जानिए क्‍या करना होगा.

न्यूज डेस्क : केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के मुताबिक बिहार में वाहन प्रदूषण जांच केंद्र की भारी कमी है। बड़े पैमाने पर कमी को देखते हुए सरकार ने अहम फैसला लिया है। बता दे की केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने वाहनों के लिए देशभर में एक जैसे नो पॉल्यू​शन सर्टिफिकेट के प्रारूप की घोषणा की है। इसके लिए बड़े पैमाने पर वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों की जरूरत होती है। इसी को देखते हुए बिहार सरकार ने प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए इंटर पास युवाओं को 3 लाख रुपये तक की सहायता देने की घोषणा की है।

राजभर में इतनी कमी है प्रदूषण जांच केंद्र की… बता दे की बिहार के 534 प्रखंडों में 387 प्रखंडों में 1000 से अधिक प्रदूषण केंद्र हैं। लेकिन 147 प्रखंडों में प्रदूषण जांच केंद्र हैं ही नहीं। ऐसे में पीयूसी नहीं होने पर 10 हजार तक जुर्माने का प्रावधान है। इससे बचने के लिए वाहन चालकों को प्रदूषण जांच केंद्र जाकर पीयूसी बनवाने की जरूरत होती है। बता दे की बिहार सरकार लाभुकों को लागत का 50 फीसदी तक सहायता देगी यह राशि तीन लाख रुपये तक की होगी।‌ परिवहन विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार किया है। जल्द ही प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष ले जाया जाएगा।

जानिए इस योजना के बारे में… इस योजना का लाभ लेने के लिए लाभुकों को ऑनलाइन व्यवस्था भी की गई है। अब कोई भी इंटर पास विद्यार्थी वाहन प्रदूषण जांच केंद्र चला सकते हैं। विभाग की माने तो 2021 तक 1000 प्रदूषण जांच केन्द्र खोलने जाने तक का लक्ष्य रखा है। हर प्रखंड में कम से कम एक वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोला जाएगा। वाहनों के शोरूम्स और सर्विस सेंटर्स में भी जांच केंद्र खोलने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जबकि मोबाइल यानी चलंत प्रदूषण जांच केंद्रों के लिए भी प्रावधान किए गए हैं।