न‌या नही है “राजीव प्रताप रूडी” का एंबुलेंस विवाद : 19 साल पहले भी DM ने सारे एंबुलेंस को जब्त किया था

डेस्क : बिहार में इस कोरोना महामारी को लेकर एंबुलेंस की कितनी बड़ी किल्लत है। यह किसी से छुपा नहीं है। इसी बीच पूर्व सांसद “राजीव प्रताप रूडी” के आवास पर दर्जनों लावारिस एंबुलेंस मिलने पर बिहार में सियासी तेज हो चुकी है। जन अधिकार पार्टी (JAP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद राजीव प्रताप रूडी के बीच वार-पलटवार का दौर जारी है। इस विवाद की शुरुआत 7 मई को तब हुई जब पप्पू यादव ने ट्विटर पर एक वीडियो जारी किया था।

जिस वीडियो में 40 के करीब एंबुलेंस बीजेपी सांसद के दफ्तर में धूल फांक दिख रहे थे। इसी को लेकर पप्पू यादव ने सवाल किया था। और इसी मामले को लेकर पप्पू यादव अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा था “बीजेपी के पूर्व केंद्रीय मंत्री, राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी जी के अमनौर स्थित कार्यालय परिसर में दर्जनों एंबुलेंस बरामद! सांसद विकास निधि से खरीदी गईं एंबुलेंस किसके निर्देश पर यहां छिपाकर रखी गई हैं, इसकी जांच हो? सारण डीएम, सिविल सर्जन यह बताएं! बीजेपी जवाब दे

19 साल पहले भी यह विवाद हो चुका है: यह एंबुलेंस विवाद 19 साल पहले यानि 2002 में भी खूब विवाद हुआ था। तब छपरा के डीएम पंकज कुमार हुआ करते थे। पंकज कुमार ने रूडी पर नियमों का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए उनके द्वारा संचालित हो रहे सारे एंबुलेंस को जब्त करा लिया था। डीएम ने उन सारे एंबुलेंस को अपने आवास के बाहर खड़ा करा दिया गया था। रूडी के कुछ एंबुलेंस को छपरा के राजेंद्र स्टेडियम में भी खडा किया गया था। उस वक्त छपरा के तत्कालीन डीएम पंकज कुमार ने कहा था कि शिकायत मिली थी कि राजीव प्रताप रूडी एंबुलेंस का दुरूपयोग कर रहे हैं। उन्होंने इसकी जांच करायी तो आऱोप सही पाया गया था। लिहाजा जिलाधिकारी के तौर पर मिले अधिकारों का प्रयोग करते हुए उन्होंने सारे एंबुलेंस को जब्त करने का आदेश दिया था।

4 दिन बाद डीएम का हो गया था तबादला: पूर्व सांसद राजीव प्रताप रूडी के एंबुलेंस जब्त करने के बाद बड़ा सियासी बखेड़ा खड़ा हो गया था। राजीव प्रताप रूडी ने आरोप लगाया था कि सारण के डीएम गलत तरीके से उनकी एबुलेंस को जब्त कर रहे हैं। बिहार में उस वक्त राबड़ी देवी मुख्यमंत्री थीं। राजीव प्रताप रूडी ने लालू प्रसाद यादव से सारण के डीएम पंकज कुमार की शिकायत की थी। डीएम पंकज कुमार ने 10 मई 2002 को राजीव प्रताप रूडी के एंबुलेंस को जब्त कराया था। बस चार ही दिन बाद 14 मई को पंकज कुमार का सारण डीएम पद से तबादला कर दिया गया था। दिलचस्प बात ये थी कि उस वक्त भी रूडी बीजेपी के सांसद थे जबकि सूबे में सरकार आरजेडी की थी।