बिहार के पटना एयरपोर्ट पर बनेगा 7 गुना बड़ा टर्मिनल, जानिए- यात्रियों को क्या-क्या सुविधाएं मिलेगी

डेस्क: देश में तेजी से बढ़ते एयरपोर्ट में पटना स्थित जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट का भी नाम आता है, जो दिन प्रतिदिन नए-नए कीर्तिमान को हासिल कर रहा है, छठ के मौके पर इस एयरपोर्ट से लाखों की तादात में यात्रियों की आवाजाही हुई, मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो रविवार को पटना एयरपोर्ट से सबसे अधिक 16,615 यात्रियों का आना-जाना हुआ। ऐसे में एयरपोर्ट पर यात्री सुविधाओं के विकास हेतु काम किया जा रहा है।

टर्मिनल बनेगा, परंतु रनवे का विस्तार नहीं होगा: तेजी से बढ़ रहे पैसेंजर लोड को संभालने के लिए लगभग 800 करोड़ खर्च करके वर्तमान से सात गुना बड़ा आलीशान और अत्याधुनिक टर्मिनल भवन बन रहा है, जिसकी क्षमता सात लाख की बजाय 80 लाख यात्रियों की आवाजाही लायक होगी, लेकिन, रनवे छोटा का छोटा ही रहेगा। एयरपोर्ट के विस्तार को लेकर कई सारे सुविधाओं का विकास किया जा रहा है, टर्मिनल भी बनेगा.. परंतु, रनवे में कोई विकास नहीं होगा। ऐसे में मध्यम आकार के विमानों के लैंडिंग और टेकऑफ में परेशानी आगे भी जारी रहेगी, जबकि बड़े विमान भविष्य में भी यहां उतर नहीं पायेंगे।

यात्रियों को इन समस्याओं से गुजरना पड़ता है: बता दे की पटना एयरपोर्ट पर तीन तरफ से विमान उतरने की सुविधा है, लेकिन अलग अलग तरफ से लैंडिंग की अलग-अलग समस्याएं हैं, रनवे की कुल लंबाई 6800 फुट है, लेकिन इस्तेमाल लायक लंबाई कम है। पश्चिम की तरफ से उतरने पर केवल 5500 फुट का लैंडिंग रनवे मिलता है। इसके कारण उस तरफ से उतरने पर पायलट को तेज ब्रेक लगाना पड़ता है। रनवे का ग्रिप बेहतर होने से ब्रेक लग जाता है, लेकिन विमान के हिचकोले खाने के कारण पायलट व यात्रियों दोनों के पसीने छूट जाते हैं।

इस वजह से रनवे का विस्तार नहीं हो पा रहा है: बता दें कि पटना एयरपोर्ट के रनवे का विस्तार नहीं होने का बहुत सारे प्रमुख कारण है। क्योंकि एयरपोर्ट के एक साइड चिड़ियाघर है, तो वहीं दूसरी तरफ रेलवे लाइन के कारण विस्तार की गुंजाईश नहीं है, कैट थ्री लैंडिंग इंस्ट्रूमेंट सिस्टम को लगाने के लिए रनवे के बाद भी कम से कम 900 मीटर लंबी और 60 मीटर चौड़़ी जमीन चाहिए, जिसकी व्यवस्था यहां नहीं संभव है।