केंद्र सरकार ने बिहार को दी 1832 करोड़ की सौगात : गांव लौटे मजदूरों को इस योजना के तहत रोजगार देने की तैयारी

डेस्क : लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों और शहरों से लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने गांव को लौट रहे हैं। अब केंद्र सरकार इन लोगों के हौसले को बढ़ाने के लिए रोजगार मुहैया करा रही है। सरकार ने रोजगार को बढ़ावा देने के लिए मनरेगा के साथ-साथ ‘जल जीवन मिशन’ के तहत राज्यों को बड़ी धनराशि जारी कर दी है। इस मिशन के जरिए सरकार गांव लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराएगी।

हर घर नल वर्ष 2019 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने जल जीवन मिशन की घोषणा की थी। इनका मुख्य उद्देश से 2024 तक के ग्रामीण क्षेत्रों में सभी घरों को पाइप के जरिए पानी पहुंचाना है। इस जानकारी के मुताबिक केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय मे जल जीवन मिशन के अवर सचिव अविनाश कुमार सिन्हा ने कहा कि इस मिशन के तहत 2020-21 में राज्यों को 30 हजार करोड़ रुपए का बजट उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें 14.8 करोड़ ग्रामीण परिवारों के घर में पाइप के जरिए पानी पहुंचाने के लिए योजना है. इस मिशन के तहत गांव में पहुंचे बेरोजगार मजदूरों को भी रोजगार मिल सकेगा।

बिहार को मिला 1832 करोड रुपए जल जीवन मिशन के तहत सभी राज्यों को 30 हजार करोड़ आवंटित कर दिया गया है और इसकी पहली किस्त भी उन राज्यों को जारी कर दी गई है। बिहार के लिए केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2020-21 के लिए 1832 करोड़ रूपये जारी कर दिया है। बिहार में जल जीवन मिशन के तहत पंजीकृत पीरामल फाउंडेशन के स्टेट हेड स्वाति सिंह बताती हैं गांव में रोजगार के अवसर देने के लिए फिलहाल प्रवासी मजदूरों का डाटा तैयार किया जा रहा है गांव लौटे प्रवासी मजदूरों के साथ-साथ मनरेगा के श्रमिकों से जल जीवन मिशन का काम लिया जा सकता है। बहुत जल्द ही इस मिशन का काम पूरा कर लिया जाएगा, साथ ही लॉकडाउन में अपने घर पहुंचे बेरोजगार मजदूरों को भी रोजगार मिलेगी।

क्या है लक्ष्य इस मिशन का मुख्य लक्ष्य के साथ ही केंद्र सरकार का जल जीवन मिशन को बढ़ावा देने और राज्य को बजट आवंटित किए जाने से गांव में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। हर घर नल के लक्ष्य के साथ खेती के लिए भी वर्षा जल संचय और घरेलू अपशिष्ट जल प्रबंधन के लिए ग्रामीण क्षेत्र में बुनियादी ढांचा भी तैयार करना इस मिशन का एक अहम हिस्सा है।