चेरियाबरियारपुर में सरकार की योजना गली नाली में है ओवरस्टिमेट की तेज बहाव

चेरिया बरियारपुर : बिहार सरकार के मुख्यमंत्री ने गांव के विकास कार्यों में पारदर्शिता लाने एवं भरस्टाचार पर अंकुश लगाने को लेकर वार्ड स्तर के प्रतिनिधि को सात निश्चय योजना का जिम्मा सौंपा । सवाल यह उठने लगा कि क्या वार्ड क्रियान्वयन समिति के द्वारा कार्य करवाने से पारदर्शिता आयी या भरस्टाचार पर अंकुश लगा तो जनता ने काफी तीखे जबाब दिये हैं। जनता के द्वारा अंकुश लगने के बजाय भरस्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया जा रहा है। बेगूसराय जिले के चेरिया बरियारपुर प्रखंड में विकास कार्यों में घपला का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां एक ही पंचायत के दो अलग अलग वार्डों में विकास के कार्य हो रहे हैं। आप सोच रहे हैं अच्छी बात है विकास कार्य तो होनी ही चाहिये , आप आगे की बात जानते ही अपनी दांतों तले उंगली दबा लेंगे और खुलमखुला खाओ पियो अभियान के बारे में भी जान जाएंगे ।

ज्यादा लम्बाई में कम पैसा की लागत और कम लम्बाई में ज्यादा पैसे की लागत ये मामला प्रखंड क्षेत्र के किसी सुदूर पंचायत से नहीं बल्कि प्रखंड मुख्यालय चेरिया बरियारपुर पंचायत का मामला है। उक्त पंचायत के वार्ड नंबर 05 के योजना बोर्ड के मुताबिक लम्बाई -350′ फीट में नाला निर्माण /सोखता निर्माण /फाइबर ब्लॉक ईट सोलिंग कार्य के प्राक्कलन राशि 6,69,700/में कार्य कराया गया है। वहीं वार्ड 07 के योजना बोर्ड के मुताबिक मुख्यमंत्री सात निश्चय गली-नली योजना के लम्बाई -335′ फीट में -12, लाख 70,000 हजार रुपये सिर्फ नाला निर्माण/मरम्मती का कार्य हो रहा है। ऊपर आपने स्प्ष्ट तौर पर पढ़ा कि 350 फिट के लिए सात लाख से कम की प्राकलन राशि जबकि वहीं इससे कम 335 फिट के निर्माण/मरम्मती कार्य में 12 लाख से भी ज्यादा की राशि से काम हो रहा है। बड़ा सवाल यह उठता है कि प्रखंड मुख्यालय में इस प्रकार से भरस्टाचार की आकंठ में डुबकी लगाने बाले योजनाओं का संचालन किसके संरक्षण में चल रहा है।

क्या कहते हैं अधिकारी जेई दीपांशु कुमार से पूछने पर पता चला कि उक्त बोर्ड पर लिखित राशि अनुमानित है, जितना काम होगा उसके नापी मुताबिक एमबी होगा और उसके अनुसार बिल पास होगा । स्थानीय जनता ने बताया कि योजना में ओवर स्टीमेट होने से काम के देख रेख करने बाले लोग जांच बैठने या अन्य आशंका को लेकर कार्य को अविलंब पूरा करने के लिए दिन तो दिन रात में भी युद्धस्तर पर कार्य किये जा रहे हैं। जिससे रात में काम होने पर समान की उचित गुणवत्ता पूर्ण मिलावट नहीं हो पाता है। जनता के आरोपों पर प्रखंड विकास पदाधिकारी चेरियाबरियारपुर श्री कर्पूरी ठाकुर से जब बात की गई तो उन्होंने उक्त कार्यस्थल पर जाकर खुद जांच किये हैं।

स्थानीय ग्रामीण रामनरेश टुको, रंजीत महतों ,मो अकरम, मो -हमीद, राहुल,मनोज साह, सुरेश साह गौंड, पुर्व उपमुखिया रंजीत मेहता,उमेश साह, रमेश साह, सहित सैकड़ों ग्रामीण ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।