बिहार: सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला गांव ही होगा पंचायत मुख्यालय, दिया गया पुनर्गठन का आदेश

डेस्क : बिहार में विधानसभा चुनाव के बाद अब पंचायती राज्य के चुनावों की तैयारी शुरू हो गई है। ऐसे में ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन का संकल्प जारी कर दिया गया है। जिसमें जिलों के सभी अधिकारियों ने कार्यवाही करना शुरू कर दिया है। आपको बता दें कि कुछ समय पहले सभी जिलाधिकारी को कड़े निर्देश दिए गए थे कि इलाके में जितने भी मुखिया एवं सरपंच है, सब को आगाह कर दिया जाए कि चुनाव आयोग की तरफ से नए आदेश जारी किए है जिनका पालन करना अनिवार्य होगा।

ऐसा इसलिए कहा जा रहा है ताकि इस बार के चुनाव में पारदर्शिता बनी रहे और चुनाव सही तरीके से पूरे हो। ऐसे में इस बार चुनाव में ईवीएम मशीन को भी लाया गया है। आपको बता दें कि इस वक्त नगर निगम में जिन ग्राम पंचायतों का कुछ हिस्सा चला गया है उनको वापस पुनर्गठित किया जा रहा है और करीब 200 ग्राम पंचायत राज्य में मौजूद है जिनको लेकर कार्य चल रहा है ऐसे में ग्राम पंचायत का मुख्यालय भी वही होगा जहां पर सबसे ज्यादा आबादी होगी।

अगर क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग की संख्या ज्यादा है तो कुल जनसंख्या के 50% से ऊपर होने पर उसका मुख्यालय उस गांव में ही मौजूद होगा। इसमें इन 3 जातियों की संख्या का अनुपात सबसे अधिक होना अनिवार्य है। विभाग ने साफ कहा है कि किसी भी गांव को अलग नहीं किया जाएगा जबकि दो या दो से अधिक गांव की घोषणा करना आवश्यक नहीं है। नगर निकाय के चुनाव के लिए अगर गांव कटकर नगर निकाय के क्षेत्र में है तो उसका पुनर्गठन किया जाएगा। यह पंचायत उत्तर पश्चिम से चालू होगा और दक्षिण पूर्व में खत्म होगा।